TRAI’s New Consultation Paper : आमतौर पर रिचार्ज प्लान में वॉइस और डाटा दोनों की कीमतें जुड़ी होती हैं जिन्हें केवल बातचीत करनी है वह आखिर डटा प्लान क्यों ले यह भी एक सवाल होता है क्यों बेवजह इसकी कीमत चुकाएं सवाल तो बनता है
ऐसे में ट्राई ने रिचार्ज प्लांस के रिव्यू के लिए अब एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है ऐसे में आज हम इसी पर चर्चा करेंगे
बिना डाटा वाले यानी कि सिर्फ वॉइस और एसएमएस वाले प्लान की जरूरत पर बात करेंगे
यानी कुल मिलाकर अगर आप समझे तो ट्राई यह चाहता है कि क्या ऐसी व्यवस्था हो सकती है कि जिसको जिस तरह का यूज करना है वह सिर्फ उसी सर्विस के ही चार्ज दे
यानी कि जो सर्विस काम की नहीं उस सर्विस के दाम भी नहीं टेलीकॉम कंपनियों ने बेहतर सेवाएं देने के नाम पर इसी महीने के पहले हफ्ते से रिचार्ज प्लान को 10 से 25 पर तक बढ़ा दिए लेकिन कंज्यूमर्स पर बढ़ी हुई य कीमतें भारी पड़ने लगी हैं ट्राई ने रिचार्ज प्लान को लेकर एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है जिसमें टेलीकॉम कंपनियों से डाटा के अलावा अलग से सिर्फ कॉलिंग यानी वॉइस और एसएमएस वाले प्लान को लेकर सुझाव मांगा गया है
इसके लिए स्टेकहोल्डर से 16 अगस्त तक अपनी राय देने के लिए कहा गया है इसके बाद 23 अगस्त तक उनकी ओर से दिए गएराय पर काउंटर प्रतिक्रिया जारी किया जा सकता है फिलहाल ट्राई के इस कदम से आने वाले दिनों में रिचार्ज प्लान सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है ट्राई का कहना है कि कंज्यूमर्स की लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि रिचार्ज के दौरान जिन प्लांस की उन्हें जरूरत नहीं होती व भी उन्हें मजबूरी में लेनी पड़ती है आमतौर पर ज्यादातर बंडल टैरिफ प्लान में वॉइस और डाटा के साथ एसएमएस और ओटीटी बेनिफिट दिए गए होते हैं
सबसे बड़ी बात यह कि जिन्हें डाटा की जरूरत ही नहीं होती जो केवल बातचीत के लिए मोबाइल चलाते हैं उन्हें भी रिचार्ज प्लान में डेटा प्लान लेना पड़ता है तकरीबन सभी टैरिफ प्लान ऐसे डिजाइन किए गए होते हैं जिसमें टेली कंपनियां गैर जरूरी सहूलियत कंज्यूमर के मथे मर देती है दरअसल आज भी बड़ी संख्या में ऐसे मोबाइल यूजर्स हैं जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं
बेसिक फोन चलाने वाले यूजर ना तो ओटीटी सर्विसेस का इस्तेमाल करते हैं और ना ही उन्हें डाटा की जरूरत होती है वही स्मार्टफोन चलाने वाले तमाम यूजर्स बंडल ऑफर में मिलने वाले ओटीटी सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर पाते लेकिन उनके पास डाटा के साथ ये सर्विसेस लेनी मजबूरी बन जाती है उनके पास कोई विकल्प नहीं रहता यानी ऐसे यूजर सर्विस तो लिमिटेड ले रहे हैं
लेकिन पैसा दूसरी सेवाओं का भी चुका रहे हैं ऐसे में कंसल्टेशन पेपर में सुझाव मांगा गया है कि क्या टीसी पीआर 2012 में सुधार किए जाने की जरूरत है इसके साथ ही ट्राई ने एक नया टैरिफ प्लान को लॉन्च करने पर भी जोर दिया है जिसमें हर सर्विस के लिए अलग-अलग रिचार्ज प्लान होगा ट्राय ने कंपनियों से पूछा है कि क्या डिजिटल दौर में कंपनियां रंगों के हिसाब से प्लान ऑफर कर सकती हैं
ताकि कंज्यूमर्स को रिचार्ज कराते समय आसानी हो ट्राई की इस पहल से कंज्यूमर्स को उन्हीं सेवा के लिए भुगतान करना होगा जिसका वे इस्तेमाल करते हैं ऐसे में ट्राय के कंसल्टेशन पेपर पर अमल हुआ तो महंगे हुए रिचार्ज प्लान से परेशान कंज्यूमर्स को निश्चित ही राहत मिल सकती है