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Reality of IIT

आईआईटी : सक्सेस के पीछे मत भागि एक्सीलेंस का पीछा कीजिए सक्सेस झक मार के तुम्हारे पीछे आएगी थ्री इडियट्स का यह डायलॉग यूं तो हर फील्ड के लिए एप्लीकेबल है पर बात जब आती है इंजीनियरिंग की तो अपने देश में एक्सीलेंस का मतलब है आईआईटी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी क्यूस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2024 की बात करें तो दुनिया भर की टॉप यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में आईआईटी बम्बे का रैंक है 149 

  • यानी कि 149 जो पिछले साल के मुकाबले बेहतर हुआ है 
  • आईआईटी बॉम्बे की प्रीवियस रैंकिंग थी 172 इसके बाद है 
  • आईआईटी दिल्ली जो 2023 में 174 वं रैंक पे था 

 इस साल 197 पे है हर साल लगभग 20 से 25000 कैंडिडेट्स आईआईटी के लिए क्वालीफाई करते हैं जिनमें से सिर्फ 10000 कैंडिडेट्स को सक्सेसफुली आईआईटी में एडमिशन मिलती है क्योंकि अभी इंडिया में 23 आईआईटी हैं इसलिए नंबर ऑफ आईआईटी सीट्स भी बढ़े हैं हर साल लाखों बच्चे जेईई के लिए रजिस्टर करते हैं ताकि उन्हें एक अच्छा इंजीनियरिंग कॉलेज मिल सके 2018 तक जेईई साल में एक ही बार होता था पर 2019 से साल में दो बार हो रहा है और जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन नाम के विकपीडिया पेज के अकॉर्डिंग यह पोस्ट बनने तक 2024 के पहले जेईई मेन में 12300 से ज्यादा बच्चे रजिस्टर कर चुके थे 

वहीं पिछले साल लगभग 190 हज कैंडिडेट्स ने जेईई एडवांस्ड 2023 के लिए रजिस्टर किया था जो कि बीते सालों के ट्रेंड से 25% ज्यादा था यूजुअली 160000 से 170000 बच्चे जेईई मेन क्लियर करके इसके सेकंड फेज जेईई एडवांस्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं तो जेईई में अपीयर करने से लेकर के आईआईटी में सिलेक्शन तक लगभग 12 लाख बच्चों में से सिर्फ 10000 ब्रिलियंट माइंड्स ही आईआईटी तक पहुंच पाते हैं 

क्योंकि आईआईटी जेईई एग्जाम इंडिया का वन ऑफ दी टफेस्ट एग्जाम है जिसका सक्सेस रेट है अप्रॉक्स प्रॉक्सीमेटली 25% टू 30% यानी जेईई देने वाले आउट ऑफ 100 स्टूडेंट्स में से लगभग 25 से 30 कैंडिडेट्स ही इसे क्रैक कर पाते हैं आईआईटी जेईई में ऑल इंडिया रैंक वन के लिए किसी भी कैंडिडेट को 320 प्लस मार्क्स का टारगेट रखना होता है 

पिछले साल 2023 में जेईई एडवांस्ड क्वालीफाई कर चुके कैंडिडेट्स के लिए आईआईटी बॉम्बे का कट ऑफ था कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के लिए 67 इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए 481 मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए 1736 और सिविल इंजीनियरिंग के लिए 4371 तो जेईई कितना टफेस्ट एग्जाम है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि जेईई एडवांस्ड 20221 में 90 प्र कैंडिडेट्स ने 114 में से 77 सवालों का गलत जवाब दिया था और छह सवाल ऐसे थे जिनका सही जवाब सिर्फ 2 प्र स्टूडेंट्स ही दे पाए थे 

अब जरा आईआईटी के अंदर कॉलेज लाइफ की बात कर लेते हैं 

इस पर आपको ढेर सारे आर्टिकल्स ब्लॉग्स पोस्ट और पोस्ट पल एक्सपीरियंस मिल जाएंगे क्योंकि आईआईटी को लेकर के जितनी ऑब्सेशन है उस लिहाज से सच्चाई और मिथ्स दोनों मौजूद हैं चलिए एक-एक करके एक्सप्लोर करते हैं 

सबसे पहले कॉलेज लाइफ की बात करें तो आईआईटी में आमतौर पर स्टूडेंट्स की लाइफ काफी इंटेंस और डिमांडिंग होती है उनका ज्यादातर टाइम पढ़ाई करने में ही निकल जाता है साथ ही आईटी में स्टूडेंट्स के ऊपर हैवी कोर्सेस लोड रहता है इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स साइंस एंड ह्यूमैनिटीज जैसे ढेर सारे सब्जेक्ट्स कवर करने होते हैं 

अगर बात करें एकेडमिक एनवायरमेंट की तो आईआईटी का माहौल बहुत ही कंपटिंग होता है और सक्सेसफुल करियर के लिए स्टूडेंट से एक्सपेक्ट किया जाता है कि वह हाईली परफॉर्म करें कई सारे स्टूडेंट्स अपना एक्सपीरियंस भी शेयर करते हैं दीपक सिंघन वाल जो कि आईआईटी वाराणसी में बीटेक के स्टूडेंट थे वह कहते हैं कि आईआईटी के चार से 5 साल एक स्टूडेंट को जिंदगी भर याद रहते हैं वह आगे शेयर करते हैं कि ज्यादातर स्टूडेंट्स आईआईटी हॉस्टल्स में रहते हैं जहां पर अपने बैचमेट्स रूम मेट्स और हॉस्टल मेट्स में आपको अपने दोस्त मिलते हैं व वहीं आईआईटी खड़गपुर के स्टूडेंट आकाश तिवारी कहते हैं कि साल 2010 से कंपाइलर लाइब्रेरी में एक ही कोड रन कर रहा है जो उन्हें उनके सीनियर्स से मिला था और उनके सीनियर्स को उनके प्रीवियस सीनियर्स से जो पास ऑन होता रहा है वो आगे कहते हैं कि आईआईटी के स्टूडेंट्स अपने कॉलेज लाइफ में तीन मेजर डिफिकल्टीज फेस करते हैं जैसे स्टूडेंट्स और क्लासमेट्स के बीच टॉक्सिक कंपटीशन दूसरा मोर इज बेटर मेंटालिटी जो उन्हें उनके प्रोफेसर से सुनने को मिलता है और असाइनमेंट्स का भाग भरकम बोझ यह लोड इतना ज्यादा होता है कि असाइनमेंट्स और सबमिशंस के चक्कर में स्टूडेंट्स के पास किसी भी तरह की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के लिए टाइम ही नहीं बचता है 

इस वजह से बहुत से स्टूडेंट्स में स्ट्रेस लेवल बहुत हाई हो जाता है और आउटकम में सीरियस इश्यूज जैसे कि सुसाइड और ड्रग एडिक्शन निकलता है आईआईटी में सुसाइड एक रियलिटी है मेंटल स्ट्रेस ना झेल पाने वाले स्टूडेंट्स कई बार ऐसे अनफॉर्चूनेटली जनवरी 2024 में ही आईआईटी कानपुर के एक स्टूडेंट ने अनफॉर्चूनेटली एटलीस्ट सुसाइड कर लिया था हालांकि इसका परसेंटेज काफी कम है इसलिए काउंसलिंग के जरिए मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स को टैकल करने की कोशिश की जाती है 

बहुत से स्टूडेंट्स को यह भी पता नहीं होता है कि आईआईटी में उन्हें पहले अपने एकेडमिक्स पर ध्यान देना चाहिए 

या अपने स्किल डेवलपमेंट पर ऐसे ही एक स्टूडेंट थे आदित्य शर्मा जो आईआईटी रोड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहे थे आदित्य आगे शेयर करते हैं कि आईआईटी लाइफ की सबसे जरूरी बात यह है कि आईआईटी में आने के बाद एक स्टूडेंट बेहतर डिसीजन मेकर बन जाता है रियलिटी फेस करता है ज्यादा हार्ड वर्किंग बन जाता है और टाइम को और एफिशिएंटली मैनेज करना सीख जाता है

आदित्य ने अपने कोरा प्रोफाइल में अपनी आईआईटी जर्नी को हाउ हैज लाइफ एट आईआईटी चेंज्ड यू एज अ पर्सन नाम से एक पोस्ट शेयर करके एक्सप्लेन किया है 

जिसमें उन्होंने अपनी स्ट्रेटेजी को ग्राफ्स के जरिए समझाया भी है जिनको लगता है कि आईआईटी में सिर्फ पढ़ाई होती है तो उन्हें बता दें कि ऐसा नहीं है आईआईटी में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी होती हैं जैसे डांस ड्रामा म्यूजिक फेस्ट स्पोर्ट्स और और कल्चरल एक्टिविटीज इसके अलावा आईआईटी स्टूडेंट सोशलाइज होने के लिए बहुत से ग्रुप्स एंड क्लब्स भी बनाते हैं अब आगे जो डिस्कस होगा उस पर एक शेर अर्ज है

यह इंजीनियरिंग नहीं आसान बस इतना ही समझ लीजिए एक रैगिंग का दरिया है और डूब के जाना है इंडियन इंजीनियरिंग कॉलेजेस में रैगिंग भी एक रियलिटी है इसलिए मुन्ना भाई एमबीबीएस और थ्री इडियट्स में भी रैगिंग वाले फनी सींस है तो क्या आईआईटी में भी रैगिंग होती है तो इसका जवाब है हां पिछले साल अगस्त में आईआईटी खड़कपुर के कई स्टूडेंट्स को रात भर डांस करने के लिए मजबूर किया गया दरअसल यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत की गई थी कि सीनियर्स रैगिंग कर रहे हैं वहीं आईआईटी मंडी ने रैगिंग के मामले में 72 छात्रों को पनिश भी किया था और कई नए स्टूडेंट्स को बाहर भी कर दिया था 

आईआईटी खड़कपुर में रैगिंग के इंसीडेंट के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए आईआईटी खड़कपुर के डायरेक्टर को कोर्ट में पेश होने का ऑर्डर दिया था दरअसल आईआईटी खड़गपुर में कैंपस के अंदर रैगिंग के चलते एक स्टूडेंट की जान चली गई थी और कोई भी एक्शन नहीं लिया गया था एक्चुअली 14 अक्टूबर 2022 को थर्ड ईयर के स्टूडेंट फैजान अहमद अपनी हॉस्टल रूम में डेड मिले थे और उनके पेरेंट्स ने हाई कोर्ट से इंडिपेंडेंट इन्वेस्टिगेशन की रिक्वेस्ट की थी वैसे यह तो कुछ एक एग्जांपल है ऐसे ढेरों केसेस और उन पर की गई रिपोर्टिंग

आपको इंटरनेट पर मिल जाएगी नो डाउट अपने देश में आईआईटी एक प्रेस्टीजियस इंस्टीट्यूट है और यहां पहुंचना भी एक चैलेंजिंग टास्क है लेकिन क्या आईआईटी का ठप्पा लगते ही स्टूडेंट्स पर करोड़ों की सैलरी पैकेजेस की बारिश होने लगती है आइए समझते हैं आईआईटी कैंपस प्लेसमेंट की सच्चाई को अक्सर हम ऐसे हेडलाइंस पढ़ते हैं या न्यूज़ में सुनते हैं कि आईआईटी ग्रेजुएट स्टूडेंट को मिला करोड़ों का पैकेज यह बात जितनी सच है उतना ही इसका उल्टा भी होता है रिसेंटली आईआईटी बॉम्बे में सीजन 2023 से 2024 का फेज फर्स्ट ऑफ प्लेसमेंट हुआ था जहां 85 स्टूडेंट्स को

कैंपस प्लेसमेंट में 1 करोड़ का पैकेज मिला हायर करने वाली कंपनीज में एक्सेंचर पेरेंट्स अपने बच्चों को साइंस लेने के लिए इसीलिए एंकरेज करते हैं कि आगे चलकर वह मेडिकल या इंजीनियरिंग को चूज करें बहुत ही कम पेरेंट्स हैं जो साइंस एंड रिसर्च में ही आगे बढ़ने को मोटिवेट करते हैं इसीलिए इस तरह के हेडलाइंस पढ़ने को मिलते हैं 

अब वापस आईआईटी से ग्रेजुएशन के बाद मिलने वाले सैलरी पैकेज पर हम लौटे तो एक फ्रेश आईआईटी ग्रेजुएट को लगभग 8 से 10 लाख का ईयरली पैकेज मिलता है और टॉप आईआईटी की बात करें तो एटलीस्ट 15 से 20 पर स्टूडेंट्स को कैंपस प्लेसमेंट में जॉब ही नहीं मिलती है सही सुना आपने अब इस रिपोर्ट को ही देखिए 

जहां पर मेंशन किया गया है कि अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर के स्टूडेंट नहीं है तो आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद हाई सैलरी मिलनी मुश्किल है वहीं सालों की तैयारी और पढ़ाई के बाद भी वहीं सालों की तैयारी और पढ़ाई के बाद भी ढेर सारे नॉन कंप्यूटर साइंस स्टूडेंट्स को 10 लाख से भी कम एनुअल सैलरी ऑफर की जाती है इतना ही नहीं बहुत से आईआईटी ग्रेजुएट्स जिस स्ट्रीम से पास करते हैं 

उसके उलट किसी दूसरे फील्ड में ही जॉब करने चले जाते हैं एक सर्वे में तो यह भी पता चला है कि 2014 से 2018 के बीच आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हुए 60 पर स्टूडेंट्स ऐसे जॉब में चले गए जो उनके ब्रांच ऑफ स्टडी से जुड़ा हुआ नहीं था तो  गवर्नमेंट सर्विस पे आपको रियलिटी ऑफ कैंपस प्लेसमेंट इन इंजीनियरिंग कॉलेज पर एक सेपरेट पोस्ट मिल जाएगी तो उसे जरूर से चेक कीजिएगा काफी नॉलेज मिलेगी कोई भी जॉब पाने के लिए सिर्फ टेक्निकल स्किल्स या नॉलेज ऑफ सब्जेक्ट होना जरूरी नहीं है कॉरपोरेट वर्ल्ड में सॉफ्ट स्किल्स का होना भी जरूरी है बहुत से स्टूडेंट्स को कैंपस प्लेसमेंट में जॉब इसलिए नहीं मिल पाती है क्योंकि उनकी सॉफ्ट स्किल्स और कम्युनिकेशन स्किल्स जॉब देने वाली कंपनीज के क्राइटेरिया के मुताबिक नहीं होती है 

इसलिए बहुत से कैंडिडेट्स बिना जॉब के ही आईआईटी ग्रेजुएट होकर निकल जाते हैं इनफैक्ट बहुत से स्टूडेंट्स कहते हैं कि कई फील्ड में आईआईटी का सिलेबस काफी पुराना है आईआईटी दिल्ली ने 2022 में अपने सभी कोर्सेस के करिकुलम रिवाइज्ड एंड अपडेट करने की अनाउंसमेंट की थी इंडिया में टोटल 23 आईआईटी हैं इससे पहले पहले 15 थे और 2008 से 2009 में आठ और नए आईआईटी अप्रूव्ड हुए थे इनमें थे आईआईटी भुवनेश्वर आईआईटी गांधीनगर आईआईटी हैदराबाद आईआईटी इंदौर आईआईटी जोधपुर आईआईटी मंडी आईआईटी पटना एंड आईआईटी रोपर जब इनका ऑडिट किया गया तो इनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सामने आई और पता चला कि कहीं कंस्ट्रक्शन डिले है तो कहीं साइंटिफिक इक्विपमेंट की खरीद में देरी हो रही है 

इसलिए इन सभी आठ आईआईटी की ऑडिट रिपोर्ट देते हुए सीएजी यानी कि कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ने कहा कि सभी फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस के पास आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है ल के डायरेक्टर नितेश तिवारी आईआईटी बॉम्बे से मटेरियल साइंस इंजीनियरिंग कर चुके हैं 

  • स्टैंड अप कॉमेडियन विपुल गोयल भी आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं
  •  पंचायत के अभिषेक भैया यानी कि जितेंद्र कुमार आईआईटी खड़कपुर एलुमनाई है 
  • गीतकार स्टैंड अप कॉमेडियन और राइटर वरुण ग्रोवर भी जिन्होंने मोह मोह के धागे और मसान जैसी फिल्म लिखी थी 

व आईआईटी बनारस से सिविल इंजीनियरिंग डिग्री होल्डर है और यह लिस्ट तो वैसे भी बहुत ही लंबी है तो आईआईटी में पढ़ाई का इतना प्रेशर रहता है कि एक आईआईटी स्टूडेंट का रात को 2 बजे सो जाना भी स्लीपिंग अर्ली एट नाइट काउंट होता है 

आईआईटी में स्टूडेंट्स को काफी कंपटिंग माहौल में रहना पड़ता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि स्टूडेंट्स एक दूसरे को नीचे खींचने में लगे रहते हैं 

आईआईटी में एक से एक जीनियस माइंड्स और लेजेंड्स पहुंचते हैं मतलब अगर आप रोनाल्डो हैं तो आपको मेसी नेमार और एंबा जैसे बंदे भी मिलेंगे 

आईआईटी से निकले वन थर्ड स्टूडेंट्स अपनी फील्ड ऑफ इंजीनियरिंग में जाते ही नहीं है वोह फाइनेंस कंसल्टिंग सॉफ्टवेयर बिजनेस जैसे ऑप्शंस को चूज कर लेते हैं और जो भी अपनी टेक फील्ड को लेकर के सीरियस होते हैं व यूएस चले जाते हैं 

जॉब मास्टर डिग्री या पीएचडी के लिए फिर भी टॉप एंड प्रेस्टीजियस इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के तौर पर इंडिया में आईआईटी की बहुत रेपुटेशन है और यहां तक पहुंचना एक सम्मान समझा जाता है 

लेकिन अगर आपको यहां तक पहुंचना है और यहां से हाई पेइंग सैलरी पैकेज लेकर के निकलना है तो आपको पर्सनल लेवल पर बहुत एफर्ट्स डालने होंगे जिसके लगभग सभी एस्पेक्ट्स इस पोस्ट में डिस्कस हो चुके हैं उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपका इस बारे में क्या कहना है क्या राय है हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं  गवर्नमेंट सर्विस वेबसाइट को अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया है तो सब्सक्राइब करके बेल आइकन को प्रेस कर दीजिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए तो संदीप आपसे फिलहाल के लिए कहेगी धन्यवाद मिलेंगे जल्दी ही

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