इक्विटी में निवेश कैसे करें? :- स्टॉक मार्केट से रिलेटेड नॉलेज के लिए आप गवर्नमेंट सर्विस वेबसाइट के स्टॉक मार्केट बेस्ड पोस्ट स को तो लगातार देख ही रहे होंगे और इनके जरिए अब आप शायद ये जान भी चुके होंगे कि इक्विटी किसे कहते हैं लेकिन इक्विटी में इन्वेस्ट करने के कौन से तरीके हो सकते हैं यह भी तो आपको पता होना चाहिए इसलिए हमने आज का यह पोस्ट बनाया है जिसमें हम आपको बताने वाले हैं इक्विटी के बारे में वो सब कुछ जो स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट से जुड़ी आपकी नॉलेज को और ज्यादा बेहतर बना देगा और आपके लिए स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट भी पहले से आसान हो जाएगा तो फिर चलिए इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर बेस्ड आज के इस पोस्ट को शुरू करते हैं
इक्विटी किसे कहते हैं और इक्विटी इन्वेस्टमेंट का मतलब क्या है
आपके अपने गवर्नमेंट सर्विस वेबसाइट पर और सबसे पहले यही समझते हैं कि इक्विटी किसे कहते हैं और इक्विटी इन्वेस्टमेंट का मतलब क्या है तो इसे समझने के लिए जरा यह मानकर देखिए कि आपने और आपके दोस्त ने मिलकर के एक स्टार्टअप या बिजनेस शुरू किया है जिसमें दोनों ने मनी इन्वेस्ट की है और आप दोनों ने यह डिसाइड किया है कि इस बिजनेस से जो भी प्रॉफिट मिलेगा उसे आप आपस में डि कर लेंगे यानी शेयर करेंगे तो बस ऐसा ही कुछ होता है इक्विटी में इन्वेस्ट करना क्योंकि जब आप स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी की इक्विटी खरीदते हैं तो आप उस कंपनी में थोड़ा सा हिस्सा खरीद रहे होते हैं उस कंपनी में थोड़ी सी हिस्सेदारी आपकी भी हो जाती है
इसलिए उस कंपनी को होने वाले प्रॉफिट में आपका भी हिस्सा होता है और इक्विटी क्या होती है तो इक्विटी स्टॉक मार्केट का अंडर लाइंग एसेट है और जब आप एक स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी की इक्विटी का एक हिस्सा खरीद रहे होते हैं क्योंकि इक्विटी का मतलब हिस्सा या हिस्सेदारी भी होता है
इक्विटी खरीदने से आपको कंपनी के प्रॉफिट में हिस्सेदारी मिल जाती है इसलिए इसे इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा तरीका माना जाता है यह इक्विटीज स्टॉक्स या शेयर्स भी हो सकते हैं और इक्विटी फंड्स भी जहां पर स्टॉक्स को खरीदकर आप उस कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा खरीद लेते हैं और उस कंपनी के प्रॉफिट में हिस्सेदार बन जाते हैं और कुछ मामलों में आपको अपनी हिस्सेदारी के अकॉर्डिंग कंपनी की इंपॉर्टेंट डिसीजंस में वोट देने का राइट भी मिल है वहीं इक्विटी फंड्स में इन्वेस्ट करने का मतलब होता है अपने पैसे को प्रोफेशनल फंड मैनेजर के हाथों में सौंपना जो कि आपके पैसे को अलग-अलग कंपनीज के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करता है जैसे इक्विटी फंड जो कि म्यूचुअल फंड होते हैं वह इस तरह के इन्वेस्टमेंट में आते हैं
इक्विटी में इन्वेस्ट करके लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न्स लिए जा सकते हैं लेकिन इसमें इन्वेस्टमेंट का रिस्क भी रहता है क्योंकि कंपनी अगर अच्छा परफॉर्म ना करें या मार्केट में मंदी आ जाए तो लॉस होने का रिस्क भी बना रहता है ऐसे में अगर अपने इन्वेस्टमेंट गोल और रिस्क टॉलरेंस को ध्यान में रखते हुए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर फोकस किया जाए और बिगिन लेवल पर एक फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेकर इन्वेस्ट किया जाए तो रिस्क को कम और प्रॉफिट को ज्यादा करना पॉसिबल हो सकता है इक्विटीज के बारे में यह सब जानने के बाद बारी आती है
इक्विटी इन्वेस्टमेंट के कॉमन तीन तरीकों को जानने की जो यह है
नंबर एक डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट
इस तरीके को अपनाने का मतलब है कि आप सीधे किसी कंपनी के स्टॉक खरीदते हैं और आप खुद ही यह डिसीजन लेते हैं कि किस कंपनी में इन्वेस्ट करना है इस तरह के इन्वेस्टमेंट पर आपका पूरा कंट्रोल होता है हालांकि इसके लिए आपको स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की अच्छी नॉलेज होना जरूरी होता है
नंबर दो म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट
इस तरह के इन्वेस्टमेंट में प्रोफेशनल फंड मैनेजर आपके पैसे को मैनेज करता है और उसे अलग-अलग कंपनीज के स्टॉक में इन्वेस्ट करता है जिससे रिस्क कम होता है जिन लोगों के पास इन्वेस्टमेंट करने के लिए बहुत ज्यादा टाइम नहीं है या जो स्टॉक मार्केट के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं उनके लिए यह एक अच्छा तरीका है
नंबर तीन ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
ईटीएफ एक ऐसा बंडल होता है जिसमें कई कंपनीज के शेयर होते हैं यह शेयर निफ्टी 50 या एसएनपी 500 जैसे किसी एक ही इंडेक्स में शामिल कंपनीज के होते हैं
ईटीएफ का काम क्या है
उस इंडेक्स की परफॉर्मेंस को फॉलो करना होता है अगर इंडेक्स बढ़ता है तो ईटीएफ का प्राइस भी बढ़ता है इसकी कॉस्ट आमतौर पर म्यूचुअल फंड से कम होती है इसमें रिस्क भी कम होता है और इसे शेयर की तर कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है ऐसे इन्वेस्टर्स जो लो कॉस्ट पर इन्वेस्ट करना चाहते हैं और अपने पोर्टफोलियो में डाइवर्सिटी भी चाहते हैं उनके लिए यह बेहतर ऑप्शन माना जाता है और अब जानते हैं
इक्विटीज में इन्वेस्ट करने का प्रोसेस क्या है
तो सबसे पहले आप डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलिए क्योंकि इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लिए आपके पास डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है आप इन दोनों अकाउंट्स को एक साथ भी ओपन कर सकते हैं जिसके लिए आप जरोदा अप स्टॉक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का यूज भी कर सकते हैं और ऑफलाइन भी किसी ब्रोकर के पास जाकर अकाउंट्स को ओपन करवा सकते हैं
इन अकाउंट्स को ओपन करवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है
यहां पर यह जानना भी जरूरी है कि अकाउंट ओपनिंग के लिए ब्रोकर चुनने से पहले आप उसके प्लेटफॉर्म की फी सर्विसेस रिसर्च रिपोर्ट्स और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बारे में पूरी जानकारी जरूर लें और सेटिस्फाई होने के बाद ही ब्रोकर सिलेक्ट करें
अब यूं तो अकाउंट ओपन होने के बाद आप आसानी से इक्विटी इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं लेकिन अगर आप समझदारी से इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो जल्दबाजी करने की बजाय पहले स्टॉक मार्केट की बेसिक्स को समझिए मार्केट एनालिसिस करना सीखिए
इन्वेस्टमेंट के लिए किसी भी कंपनी को कैसे चुना जाता है इसके बारे में रिसर्च कीजिए इंडेक्स ट्रैकिंग जैसी नॉलेज लीजिए ताकि आपका इन्वेस्टमेंट फायदे का सौदा बनने के चांसेस बढ़ सके और रिस्क फैक्टर कम हो सके रिस्क फैक्टर को मैनेज करने के लिए आप डायवर्सिफिकेशन एलोकेशन और एसआईपी का भी ध्यान रखें क्योंकि ये तीनों ही इक्विटी इन्वेस्टमेंट के इंपॉर्टेंट फैक्टर्स हैं डाइवर्सिटी कंपनीज में इन्वेस्ट करिए बजाय एक ही कंपनी में सारा पैसा इन्वेस्ट करने के ऐसा करने से रिस्क को मैनेज करना आसान हो जाता है और लॉन्ग टर्म में ज्यादा स्टेबल रिटर्न्स मिल सकते हैं
एलोकेशन यानी आवंटन का मतलब है कि आप अलग-अलग टाइप की इन्वेस्टमेंट करिए यानी इक्विटीज के अलावा बॉन्ड्स और कैश जैसे डिफरेंट टाइप के इन्वेस्टमेंट्स में अपना पैसा एलोकेट करिए ऐसा करके भी आप रिस्क को कम कर सकते हैं और इसी तरह एसआईपी यानी सिस्टमिक इन्वेस्टमेंट प्लान का मतलब है कि आप एक फिक्स्ड अमाउंट को हर महीने या हर तीन या छ महीने में लगातार इन्वेस्ट करिए जैसे कि म्यूचुअल फंड्स में ऐसा करने से मार्केट के उतार चढ़ाव के बावजूद लॉन्ग टर्म में अच्छा बेनिफिट होने के चांसेस बढ़ सकते हैं और इस तरह मार्केट को समझकर अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स के अकॉर्डिंग इन्वेस्टमेंट का तरीका चुनकर आप इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं इस दौरान यह भी ध्यान रखिए कि इन्वेस्टमेंट करके भूलना नहीं है
क्योंकि आपको थोड़े-थोड़े दिनों में अपने इन्वेस्टमेंट पर नजर भी रखनी होगी उसे इवेलुएट करना होगा मार्केट के अकॉर्डिंग प्रॉफिट्स और लॉसेस का ध्यान रखते हुए सही डिसीजंस लेने होंगे इसलिए अपने इन्वेस्टमेंट को लगातार चेक भी करते रहिए और अगर बिगनर लेवल पर इन्वेस्टमेंट को शुरू करना आपको थोड़ा मुश्किल लग रहा है और आप ज्यादा रिस्क से बचाव करना चाहते हैं तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद भी ले सकते हैं इसी के साथ अब आप जान चुके हैं कि कैसे आप इक्विटीज में इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और कैसे अपने इन्वेस्टमेंट को ग्रो होते हुए देख सकते हैं तो इस जानकारी के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताइएगा प्यार और सपोर्ट देते रहिए हमेशा की तरह बाकी लाइक कर दिया है तो इस पोस्ट को शेयर करना बिल्कुल ना भूलें और अगर अभी तक आप गवर्नमेंट सर्विस फैमिली का हिस्सा नहीं है डेली पोस्ट स देखते हैं अच्छी बात है लेकिन कोई भी पोस्ट मिस नहीं होना चाहिए उसके लिए सब्सक्राइब करके बेल आइकन को प्रेस कर दीजिए मैं संदीप मिलूंगी
जल्दी ही और ऐसी पोस्ट के साथ तब तक के लिए अपने सवाल और टॉपिक्स भेजते रहिए हमेशा अपने आप को अपडेट रखें गवर्नमेंट सर्विस के साथ ग्रो करते रहे धन्यवाद
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