दुनिया का China को ठेंगा, Bharat की हो गई मौज! :- दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं हैं अमेरिका और चीन इन दोनों के बीच भारी टक्कर देखने को मिल रही है भारत इसमें तीसरा खिलाड़ी है लेकिन चीन को भारत के होने से काफी नुकसान हो रहा है और खबर तो यह है कि चीन का 25 साल में पहली बार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी कि एफडी गेज माइनस में चला गया है

भारत के बड़े मार्केट होने की वजह से चीन से निकलकर कई कंपनी भारत में पैसा लगा रही हैं और ऐसे में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देश चीन की आर्थिक हालात लगातार बद से बदतर होती जा रही है
चीन अपनी गलत नीतियों और दखल अंदाजी की वजह से विदेशीकंपनियों और निवेशकों का भरोसा जीतने में नाकाम रहा है विदेशी निवेशक तेजी से चीन से पैसा निकालने में लगे हैं और देखते ही देखते पिछले 25 सालों में पहली बार चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई गेज माइनस में चला गया है
चीन की तीसरी तिमाही में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट लायबिलिटीज – 11.8 अरब डॉलर रही जो पिछले साल समान तिमाही में 14.1 अरब डॉलर रही थी देखा जाए तो इसका मतलब है कि विदेशी कंपनियां चीन में निवेश करने के बजाय अपना पैसा निकालने में लगी हैं
खैर चीन हमेशा से मनमानी करता रहा है ऐसे में अब मार्केट खुल चुकी है तो चीन के अलावा भी कई देश हैं जहां यह कंपनी अपना पैसा लगा रही हैं
अब अगर आप सोच रहे होंगे कि एफडीआई होता क्या है
तो बता दें दूसरे देश की परियोजना या कंपनी में किया जाने वाला निवेश एफडीआई होता है यह सीधा निवेश होता है लॉन्ग टर्म के लिए होता है और तो और विदेशी कंपनीज के जरिए किसी भी दूसरे देश की कंपनी में अहम हिस्सेदारी खरीद कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं और पैसे बनाती हैं
वहीं चीन की बात करें तो उसे इतना बड़ा झटका देने में भारत का भी हाथ है कई बड़ी कंपनी चीन से निकलकर भारत आ रही हैं पहले जनवरी 2024 तक टेस्ला को भी मंजूरी मिल जाएगी हालांकि सिर्फ भारत ही नहीं है अमेरिका भी है जो चीन को लगातार चुनौती दे रहा है अब क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से तनाव है तो अमेरिका भी चीन को दबाने में लगा है
अमेरिकी कंपनी चीन की जगह अब भारत आना ज्यादा पसंद कर रही हैं चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उसके सारे प्रयास नाकाम हो रहे हैं अब पिछले महीने ही चीन की सरकार ने 137 अरब डॉलर का सॉवरेन बॉन्ड मंजूर किया था इंफ्रा प्रोजेक्ट को फंड करने की लिए चीन की तरफ से यह एक बड़ा कदम था
सितंबर में भी बीजिंग और शंघाई में कैपिटल कंट्रोल में भी ढील देने की चीन की तरफ से घोषणा की गई थी विदेशी निवेशक आसानी से देश में अपना पैसा ला सके और ले जा सके इसके लिए चीन ने यह सब किया था हालांकि इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ा और चीन से पैसा निकालना इन कंपनियों ने ज्यादा उचित समझा खैर चीन की इस बर्बादी से अगर किसी देश को फायदा होगा तो वह है
भारत चीन से यह जो भी कंपनी पैसे निकाल रही है वह भारत की ओर जरूर देखेंगी और उम्मीद है कि यह कंपनी भारत में अपने व्यवसाय को बढ़ाएंगे जिससे दोनों ही देशों को फायदा मिलेगा खैर चीन की बर्बादी पर आपका क्या कुछ कहना है कमेंट करके जरूर बताएं ब्यूरो रिपोर्ट भारत
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.
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