पूरे भारत में हो रही पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि ने औसत उपभोक्ता के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों को रिकॉर्ड उच्च बना दिया है। कुछ शहरों में कीमत ₹107 से ₹110 प्रति लीटर तक पहुंच रही है। मोदी सरकार इस सब के लिए एक नया औचित्य लेकर आई है – कांग्रेस के समय से तेल बांड पुनर्भुगतान। तो तेल बांड क्या हैं? और पेट्रोल और डीजल और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए वे कितने जिम्मेदार हैं? मैं इस वीडियो में समझाता हूं।
नमस्कार दोस्तों आज के दिन पेट्रोल डीजल के दाम इतने बढ़ गए हैं कि जनता का ही तेल निकल गया। ऊपर से एलपीजी सिलेंडर भी महंगा हो रहा है और सबसे इरिटेटिंग बात तो यह है कि हर महीने ,2 महीने बाद सरकार और सरकार के बिकाऊ मीडिया की तरफ से नए बहाने सुनने को मिलते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा पहले कहते हैं कि देखो एक्ट ऑफ गॉड था, इसलिए यहां पर पेट्रोल डीजल के प्राइस महंगे करने पड़ रहे हैं। कभी यह कहते हैं “कि आपको पेट्रोल डीजल सस्ता चाहिए तो अफगानिस्तान चले जाओ। पाकिस्तान चले जाओ। पेट्रोल की बात कर रहे हो तो तालिबान चले जाओ वहां पर ₹50 लीटर मिल जाएगा” । आज के दिन नया बहाना आया है ऑयल बॉन्ड भाई न्यू बहाना आया है ऑयल बॉन्ड्स कांग्रेस के पिछले टाइम की वजह से उसे हम रिप्लाई कर रहे हैं। इसलिए आप लोगों को महंगा पेट्रोल पर करना बेसिकली कांग्रेस की गलती है। यह सब जानकर हैरानी होगी कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की ज्यादा जिम्मेदारी मोदी सरकार की नहीं बल्कि मनमोहक सरकार की थी हमारे ऊपर लाखों करोड़ों रुपया बकाया छोड़ कर जाते। एल्बम के रूप में पुराने सरकार के समय में एक लाख 40 हजार करोड़ के एल्बम तो आज के ब्लॉग में दोस्तों यह समझते हैं कि एक्जेक्टली ऑयल बॉन्ड्स होती क्या है चलिए दोस्तों समझ लेते हैं
ऑयल बॉन्ड क्या होता है
आयल बॉन्ड ऑयल बॉन्ड एक तरह का वित्तीय साधन होता जिसके तहत सरकारें तेल वितरण कंपनियों को नकद सब्सिडी देती हैं. जैसे कि हम लोग को गैस लेने पर सब्सिडी मिलती है ठीक उसी प्रकार से यह एक सरकारी प्रतिज्ञापत्र होता है, जिसका इस्तेमाल करके तेल कंपनियां बाजार से पैसे उठा सकती हैं और तेल के दाम घटा सकती हैं. इन प्रतिज्ञापत्रों की जारीकर्ता सरकार होती है जिसकी वजह से इन पर बनने वाला ब्याज भुगतान और इनकी समाप्ति की तारीख के बाद पूरा भुगतान सरकार करती है. और कितना इन्हें दोष दिया जा सकता है। बढ़ते फ्यूल प्राइसेज के बीच इंडिया में पेट्रोल डीजल का प्राइस आगजनी में कैलकुलेट कैसे किया जाता है
पेट्रोल के price कैसे बढ़ते हैं
तो अगर आप इस प्रोसेस को समझना चाहते हैं। पुराना ब्लॉग को पढ़ सकते हैं। उस ब्लॉग में यह निष्कर्ष निकला था कि मोटे मोटे तौर पर दो चीजों पर डिपेंड करता है। पेट्रोल डीजल का प्राइस इंडिया में पहली चीज है कि
- इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का प्राइस कैसा चल रहा है।
- सरकार कितने टैक्स लगाने लग रही पेट्रोल डीजल पर
अगर इन दोनों में से किसी भी चीजों का नंबर अगर ऊपर जाएगा तो पेट्रोल और डीजल का दाम भी बढ़ेगा।
पिछले 7 सालों में 2014 से कंपेयर करें तो इंटरनेशनल क्रूड ऑयल का जो प्राइस है, सचमुच में नीचे गया है। कम हुआ है क्योंकि कोरोनावायरस की वजह से ऑयल की डिमांड काफी कम हो गई है। इसलिए प्राइस भी काफी कम हो गया है। क्रूड ऑयल कहा कर इन सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा लगाई गई एक्साइज ड्यूटी बड़ी तेजी से बढ़ी है। पिछले 7 सालों में 2014 में ₹9.5 पर लीटर के राउंड हुआ करती थी। एक्साइज ड्यूटी जो पेट्रोल पर लगाई जाती थी। आज के दिन 2021 में एक्साइज ड्यूटी ₹33 पर लीटर टच करने खोरी ऑलमोस्ट 3.5 टाइम्स का इनक्रीस डीजल पर इससे भी भयानक ऑलमोस्ट 9 गुना का इनक्रीस हुआ है। 2014 में ₹3.5 लीटर के रंगवा करती थी। एक्साइज ड्यूटी आज के दिन ₹32 पर लीटर टच करने को हो रही है। अभी एक ऐसी चीज है जिसे सरकार छुपाकर तो नहीं रख सकती। सरकार यह तो झूठ नहीं कह सकते को एक्साइज ड्यूटी बड़ी ही नहीं है। यह नंबर तो बड़े clear-cut जनता के सामने कुछ लोगों ने आवाज उठाई कि क्यों नहीं सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंदर ले आती तो सरकार को यह चीज एडमिट करने पर सरकार ने कहा कि उनका कोई प्लान नहीं है पेट्रोल-डीजल को GST के अंदर लाने का। यह संभव नहीं है कि आगे आने वाले 10 वर्षों तक पेट्रोल और डीजल को GST में डाला जा सके तो हमारी फाइनेंस मिनिस्टर और सरकारी मीडिया एक नया फंडा लेकर आए हैं कि क्यों नहीं टेक्स्ट कम किया जा सकता। ओन कमिटमेंट जो कांग्रेस के टाइम की है। क्योंकि सरकार और उसे पैसे बोरो कर रही है तो अक्सर सरकार। इस पर एक! इंटरेस्ट रेट पर करना होता है लेकिन कुछ ऐसे भी बॉन्ड होती है जिन पर कोई इंटरेस्टेड नहीं पे करना होता।
एक और इंपोर्टेंट डिफरेंस है बांड और लोन के बीच में। कितने का अपने लोन लिया और कितना प्राइस आपको पे करन एक दूसरी तरफ बॉन्ड का जो प्राइज होता है, वह ऊपर नीचे हो सकता है। बॉन्ड खरीदा बेचा जा सकता है। स्टॉक प्राइस जैसे ऊपर नीचे होता। ऐसी बांड के प्राइसेस भी ऊपर नीचे हो सकते हैं, लेकिन इसमें जाने की जरूरत नहीं। आपको यह आज का ब्लॉग में समझने के लिए एक स्टोरी आपको ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा। बात यह दोस्तों की कांग्रेस के टाइम में भी 2012-13 के राउंड पेट्रोल डीजल के दाम बड़ी तेजी से बढ़ रहे थे। तब बहुत से लोगों ने प्रोटेस्ट किया था। ऑपरेशन पार्टीज ने प्रोटेस्ट किया था दिल्ली सरकार के शासन चलाने की नाकामी। जीता जागता सबूत है। कई अपोजिशन लीडर्स सड़कों पर आ गए थे। कई बुलक कार्ट पर बैठ कर आए थे तो कई लोग यह पोस्टर लेकर प्रोटेस्ट करने लग रहा है। कई लोग साईकिल चलाने लग रहे थे। उस टाइम पर सिलेब्रिटीज़ भी बड़े। ओपनली बोलते थे।
इन चीजों को लेकर जाते हैं। हमारे अक्षय कुमार अनुपम खेर पेट्रोल प्राइस को लेकर ट्वीट कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन पेट्रोल प्राइस को लेकर ट्वीट करने लग रहे हैं। तेल के दाम बढ़ाए हैं और यह सब जस्टिफाइड था क्योंकि पेट्रोल कोई लग्जरी कमोडिटी तो है नहीं। पेट्रोल डीजल एक ऐसी चीज है जो आम जनता इस्तेमाल करती है। लोगों की एक तरह से बेसिक नेसेसिटी है। यह तो लोगों की तरफ से जो हल्ला मच रहा था। पेट्रोल प्राइस को लेकर उस टाइम में मेरी राय में उसमें कुछ गलत नहीं और। मीडिया अपोजिशन लीडर सेलिब्रिटी और जनता के प्रेशर की वजह से कांग्रेस पार्टी कोर्स हो गई। मजबूर हो गई कि वह जनता की सुने यहां पर उन्होंने सोचा कि ठीक है।
हम पेट्रोल के प्राइसेस कम रखने की कोशिश करते हैं। कैसे कम किए जा सकते हैं?
- पेट्रोल के प्राइस पहली चीज तो यह है कि टेक्स्ट कम कर दिया जाए। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम कर दी, लेकिन यह एक हद तक ही काम किया जा सकता है। एक हद से अगर ज्यादा कर दिया तो उस सरकार को बहुत बड़ा। रिवेन्यू लॉस हो जाएगा तो कांग्रेस पार्टी ने एक्साइज ड्यूटी कम करी लेकिन उसके बाद भी प्राइस काफी ज्यादा था। लोगों की तरफ से प्रेशर काफी ज्यादा था
- तो आप दूसर ऑप्शन था। ऑयल कंपनी को सब्सिडी रेट यानी सरकार लिटिली ऑल कंपनीस को प्ले करें ताकि वह प्राइस को कम कर सकते। लेकिन इसमें प्रॉब्लम यह थी कि सरकार के पास अट प्रेजेंट। हिना पैसे होने चाहिए। ऑल कंपनीस को सब्सिडी देने के लिए तब क्या किया जाएगा? सरकार के पास आज के दिन पैसे ही नहीं है। ऑल कंपनीस को सब्सिडी देने के लिए कब आता?
- हमारा तीसरा ऑप्शन ऑल कंपनीस को बॉन्ड करना सरकार बेसिकली ऑल कंपनी से कह रही है कि यह बांड रख लो। अभी हमारे पास पैसे नहीं है। आपको डायरेक्टली देने के लिए सब्सिडी के तौर पर तो हम दे रहे हैं। यह कूपन किधर है। इसका मतलब है कि हम कमिटमेंट दे रहे हैं कि आज तक कुछ सालों बाद आपको हम पैसे पे कर देंगे। जब आपकी बांड में वापस दोगे तो जैसे आपको अक्सर फूड डिलीवरी एप्स में कूपन कोड्स मिलते हैं, जिससे आप बाद में रिडीम कर सकते हो। कुछ डिस्काउंट पाने के लिए कुछ पैसों के बदले ऐसे ही इन ऑयल कंपनीज कोयल बोनस मिली हुई है। सरकार इन्हें कमेंट कर रही है कि आज से 2025 में इतने पैसे सरकारी इसको पे कर देगी। यह बॉन्ड्स उसके बदले शुरू कर दी गई है और प्लस कुछ इंटरेस्ट रेट भी पर करेगी।
सरकार इंटरेस्टिंग फैक्ट यहां पर कांग्रेस की सरकार पहली सरकार नहीं थी और वंश को शुरू करने वाली एक सीडी में पहली बार किया गया था। 2002 में एनडीए अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के अंग उन्होंने करीब 9 करोड़ रूपीस की ऑल वांट टू करी थी। ऑल कंपनी बाद में जब कांग्रेस सरकार बनी उन्होंने कोई हल्ला नहीं मचाया को लेकर उन्होंने इंवॉल्वमेंट को सेटल कर दिया और बाद में अपनी तरफ से भी कुछ ol12 करें। यह 2008 का टाइम था कि मिडल ईस्टर्न कंट्रीज में कौन से चलने लग रहा था, जिसकी वजह से क्रूड ऑयल का प्राइस बढ़कर 147 डॉलर पर बैरल तक टच करने लगे क्योंकि आज के दिन $70 पर बैकग्राउंड चलने लगे हैं। देखिए डिफरेंस! कितना है 2 गुना? से भी ज्यादा हो गया था। आज के कंपैरिजन और 2008 वही साल था जब दुनिया भर में एक भयानक इकोनामिक रिसेशन आया था तो इस समय में मनमोहन सिंह की सरकार ने सोचा कि आम आदमी पर ज्यादा परेशान नहीं पड़ना चाहिए। पेट्रोल डीजल के दाम हमें कंट्रोल में रखने चाहिए। यही वह टाइम था जब मनमोहन सिंह की सरकार ने ऑयल बॉन्ड्स को शुरू किया था। अब यह बात सच है कि 2014 के बाद से जब से बीजेपी की सरकार आई है।
नरेंद्र मोदी की सरकार आई है। यह पुरानी ऑयल बॉन्ड्स को हैंडल करने लग रहे हैं। उसका अमाउंट पर करने लग रहे हैं। कंपनी स्कोर इंस्टॉलमेंट्स यहां तक जो चीज बीजेपी ने बताई है, वह चीज सच है, लेकिन इनका असली झूठ नंबर्स में छुपा है। कितना अमाउंट गिफ्ट करने लग रहे हो एल्बम्स का 2005 से लेकर 2012 तक का जो समय था उसके बीच में ₹1.44। करोड़ रूपीस की ऑयल बॉन्ड्स इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा यीशु करी गई थी वो एमसीसीबी जेपी पावर में आई 2014 के बाद इसमें से ₹1.34 करोड़ रूपीस का अमाउंट अभी भी ड्यूटी था। 2015 में दो बॉन्ड्स में छोड़ कर गई थी लेकिन उनका माउंट होटल में सिर्फ ₹35.18 करोड़ रूपीस था तो उसके बाद जो रिमेनिंग अमाउंट बचा वह अभी भी ₹1.31 लाख करोड़ रूपीस के आसपास है। यह अमाउंट नरेंद्र मोदी की सरकार को अभी भी पे करना है। ऑल कंपनी स्कूटी भी अपनी मैच्योरिटी डेट पर कमिटमेंट करिए कि हम इतना पैसा पे कर देंगे नो ऑल कंपनीस को बाहर कोई भी एलबम में छोरी थी। इंटरेस्ट नहीं करी है तो सरकार को अभी तक 2015 के बाद। किसी भी ऑयल बॉन्ड को रिप्लाई नहीं करना पड़ा है। हालांकि इंटरेस्ट जरूर पर करना पड़ता है और इंटरेस्ट है। अराउंड टेन थाउजेंड करोड़ रूपीस पर ईयर 2015 के बाद से हर साल इस सरकार को ₹10000 करोड रुपए पर ईयर का वर्णन उठाते रहना पड़ा है। इन इंटरेस्ट रेट की पेमेंट लेकिन थोड़ा और बर्थडे उठाना पड़ेगा। अक्टूबर नवंबर के महीने में दो बार और मैच्योर करेंगे जिनका अमाउंट होगा। ₹10000 करोड रुपए और इस साल का वर्णन ₹20000 करोड रुपए के आसपास और आप क्या सोचोगे कि यह सारी इनफार्मेशन मुझे कैसे पता यह सारी इनफार्मेशन पब्लिकली अवेलेबल है। दोस्तों सरकारी वेबसाइट पर इस वेबसाइट का लिंक में नीचे डिस्क्रिप्शन में डाल दूंगा। 1.pdf
दो बूंद जो मैच्योर हो कि इस साल ऊपर लिखी गई है। इसके बाद अगला मैच वैरिटी पीरियड होगा। नियर दी। ऑफ 2023 जिसका टोटल अमाउंट होगा 1000 100 करोड़ रूपीस इन सबके अलावा बाकी जो ऑयल बॉन्ड है वह 2024 इलेक्शन के बाद ही मैं चोर हूं तो उससे पहले कोई और पेमेंट नहीं करनी। इस सरकार को आप डाटा देखते हैं। किस सरकार एक्चुअली में कितना कमाती है। अपने टैक्सेस सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट की एक्साइज ड्यूटी का अमाउंट देखते हैं। आप जो भी हम सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट के टैक्सेस की बात कर रहे हैं। सरकार ने इस चीज को लेकर एक का अमाउंट बताया था जब पार्लिमेंट में सवाल पूछा गया था तो इस चीज का भी एक पीडीएफ अवेलेबल इन की वेबसाइट पर लिंक पर नीचे डिस्क्रिप्शन में डाल दूं। अगर आप खुद से कंफर्म करना चाहते हैं तो बहुत देखेंगे कि सिर्फ 1 साल में 2015-16 के ही साल में सरकार ने 1.5 लाख करोड रुपए कमाए एक्साइज ड्यूटी से जो पेट्रोल डीजल पर लगा।
अभी है कि सिर्फ इसी साल में कमाए गए पैसे से सारी ऑयल बॉन्ड की पेमेंट करी जा सकती है जो मैं चोर हूं भी नहीं है क्योंकि 1.3 चार लाख करोड़ रूपीस के अराउंड यू था जैसा मैंने आपको बताया था। प्लस कुछ एक्स्ट्रा पैसा फिर भी बन जाता और यह सिर्फ 1 साल की एक्साइज ड्यूटी की टैक्स कलेक्शन है। 2021 में आए तो सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बड़े। भारी नंबर से बढ़ा दिए जैसे मैंने वीडियो में आपको पहले बताया था तो ऑफिस सी बात है। सरकार की टैक्स कलेक्शन और भी ज्यादा बढ़ गई होगी। कितनी बड़े घरानों जाएंगे आप नंबर जानकर कि नंबर है। 3 पॉइंट 3 5 लाख करोड़ रूपीस यह अमाउंट है जो सरकार ने सिर्फ 1 साल में कमाया है। पिछले फाइनैंशल ईयर 2020 21 के फाइनैंशल ईयर से सिर्फ पेट्रोल डीजल पर लगाई जा रही है। एक्साइज ड्यूटी से इतना बड़ा। अमाउंट है कि सरकार को जितनी एल्बम की पेमेंट करनी है। कांग्रेस के टाइम से उस सारे रीपेमेंट्स कंप्लीट हो जाएंगे। सिर्फ इसी साल की कमाई से और उसके बाद भी 2 करोड रूपए बच जाएंगे। सरकार के पास तो सरकार बाकी चीजों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। कांग्रेस की गलती है कि आज के दिन पेट्रोल प्राइस ज्यादा टैक्स मैंने आपके सामने बड़े क्लीयरली प्रजेंट कर दी है तो खुली आप समझ पाओगे कि कैसे आपको यहां पर पहले लूटा जा रहे हो और फिर बेवकूफ भी बनाया जा रहा है। प्रॉब्लम क्या है कि कुछ लोग समझने को राजी ही नहीं है। अभी 2 महीने बाद सरकार एक नया बहाना लाएगी। एक नया फंडा बोलेगी कि इसलिए हमने पेट्रोल डीजल के टैक्स बढ़ाकर रख रखे और कुछ इतने बेवकूफ लोग हैं कि उसे भी यकीन कर लेंगे। बिना सोचे समझे सरकार की बातों पर यकीन कर लेंगे और फिर सरकार को डिपो। करने लग जाएंगे। सोशल मीडिया पर आप कुछ कॉमेंट्स मेरे पढ़े थे। अपने पुराने पेट्रोल प्राइस वाले वीडियो में जब मैं सरकार को क्रिटिसाइज करने लग रहा था और कमेंट सेक्शन बिस्किट से भरा हुआ था कि भाई ऑल वांट के बारे में नहीं बोला। आपने एक्चुअली मैंने एल्बम्स की बात को छुपा कर रखा है। यह असली रीजन है कि सरकार ने टैक्स बढ़ाए हैं। हम तो बड़े प्राउडली पर करेंगे। इंटेक्स इसको बीजेपी के पॉलिटिशन हो या बीजेपी के वर्कर हो, तब तो बात समझ में आती है। लेकिन अगर आप एक आम आदमी हो जो किसी पार्टी से रिलेटेड नहीं हो और आप ही को लूटा जा रहा हूं। इतने उत्सुक हो। सरकार को डिफेंड करने के लिए सरकार की बातों में अंधाधुंध विश्वास करने के लिए जरा सोच कर देखो मिस करता हूं। अगली बार जब सरकार नए बहाने लेकर आएगी। इस चीज को लेकर तो मुझे एक और ब्लॉग बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस ब्लॉग
को स्पॉन्सर करने के लिए मैं धन्यवाद करना चाहूंगा