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मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव Impact of Social Media on Mental Health

Impact of Social Media on Mental Health . ये सोशल मीडिया हम सबकी लाइफ को अफेक्ट करता है, पॉजिटिवली और नेगेटिवेली, लेकिन हम बस इसके ब्राइट पॉजिटिव आस्पेक्ट में ही गुम हो जाते हैं और नेगेटिव से दूर रहने के बारे में सोच भी नहीं पाते, और इसलिए तो हमने आज का ये पोस्ट  बनाया है.. जो आपको सोशल मीडिया के इस नेगेटिव इम्पैक्ट के बारे में अवेयर भी करेगा और इससे बचने के तरीके भी बताएगा, इसलिए गवर्नमेंट सर्विस  के इस पोस्ट  को भी लास्ट तक जरुर पढ़िए। 

मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव : हम ह्यूमन बीइंग्स चाहे या ना चाहे और माने या ना माने हम सोशल क्रिचर्स हैं यानी हम अकेले नहीं रह सकते हमें दूसरों के साथ की जरूरत होती है और हमारे कनेक्शंस जितने मजबूत होते हैं उनका उतना ही गहरा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है क्योंकि सोशली कनेक्टेड रहने से स्ट्रेस एंजाइटी और डिप्रेशन में राहत मिलती है सेल्फ वर्थ बूस्ट होती है कंफर्ट और जॉय का फील मिलता है और जिंदगी बहुत ही बेहतर लगने लगती है 

वहीं स्ट्रांग सोशल कनेक्शंस ना होने पर अकेलापन महसूस होने लगता है सेल्फ वर्थ डाउन होती है और इससे मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए सीरियस रिस्क पैदा हो जाता है इसका मतलब हम इंसानों के लिए आपस में कनेक्टेड रहना नेचुरल भी है और जरूरी भी अब आज के इस टाइम को देखें तो सोशल होने का सीधा मतलब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बन चुके हैं 

यानी इससे हमें वाकई में फायदे तो बहुत होते हैं जैसे बिना डिस्टेंस की परवाह किए अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ कम्युनिकेट करना और जुड़े रह पाना पॉसिबल हुआ है सेम इंटरेस्ट और एंबिशन शेयर करने वाले लोगों के साथ नेटवर्क बनाना भी काफी आसान हो गया है 

इंपॉर्टेंट इश्यूज के लिए अवेयरनेस स्प्रेड करना भी कहां मुश्किल है और वैल्युएबल इंफॉर्मेशन और लर्निंग भी तो बस एक टच की दूरी पर ही रह गई है यह सब कितना अच्छा दिखाई देता है ना इतना कंफर्टेबल एडवांस कनेक्टेड और प्रोग्रेसिव लेकिन सवाल यह है कि क्या सोशल मीडिया का बस यही एक पॉजिटिव साइड है या इसका एक नेगेटिव साइड भी है जो हमारी मेंटल हेल्थ को खतरे में डाल रहा है क्या आप इसके बारे में जानते हैं हम तो यही कहेंगे कि आपको इसके बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए क्योंकि ये सोशल मीडिया हम सबकी जिंदगी को अफेक्ट करता है पॉजिटिवली और नेगेटिवली लेकिन हम बस इसके ब्राइट पॉजिटिव एस्पेक्ट में ही गुम हो जाते हैं और नेगेटिव से दूर रहने के बारे में सोच भी नहीं पाते और इसीलिए तो हमने आज का यह पोस्ट  बनाया है जो आपको सोशल मीडिया के इस नेगेटिव इंपैक्ट के बारे में अवेयर भी करेगा और इससे बचने के तरीके भी बताएगा इसलिए गवर्नमेंट सर्विस  के इस पोस्ट को भी लास्ट तक जरूर देखें तो चलिए पोस्ट  में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सोशल मीडिया के हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ने वाले नेगेटिव इंपैक्ट्स के बारे में 

नंबर एक अपीयरेंस को लेकर के इनसिक्योरिटी 

भले ही आप हम जानते हो कि सोशल मीडिया पर जो इमेजेस जो पोस्ट स होती हैं वो मैनिपुलेटेड होती हैं उनका पूरी तरह ओरिजिनल होना जरूरी नहीं है लेकिन के बावजूद भी हम उनसे अफेक्ट होते हैं अपने लुक्स को लेकर के इनसिक्योर महसूस करने लगते हैं इसके साथ-साथ जेलेसी और डिसेटिस्फेक्शन का फील कब हमारे अंदर अपनी जड़ें जमा लेता है 

हमें पता ही नहीं चलता और हम अपनी अपीयरेंस और अपनी जिंदगी को लेकर के अनहैप्पी और इनसिक्योर बनते चले जाते हैं अब ऐसी कंडीशन में मेंटल हेल्थ अच्छी होगी या बुरी आप खुद डिसाइड कीजिए 

नंबर दो पर है फोमो एफ ओ एम ओ फोमो यानी फियर ऑफ मिसिंग आउट 

जब भी सोशल मीडिया पर लोगों को खुद से से बेहतर जिंदगी जीते हुए देखा जाता है भरपूर मजे करते हुए देखा जाता है तो हमें लगता है कि हम अपनी जिंदगी में वह सब कुछ मिस कर रहे हैं और यह मिसिंग होने का फील सेल्फ एस्टीम पर ऐसा इंपैक्ट डालता है जिसमें एंजाइटी ट्रिगर होती है जो सोशल मीडिया के एडिक्शन की तरफ ले जाती है इसी फोमो की वजह से हर कुछ मिनटों में हम फोन उठाकर देखने लगते हैं 

अपने सोशल मीडिया इंटरेक्शन को प्रायोरिटी देने लगते हैं फिर चाहे हमारी नींद खराब हो या रियल वर्ल्ड रिलेशनशिप 

नंबर तीन आइसोलेशन का फील इंक्रीज होना 

यूं तो हमें लगता है कि सोशल मीडिया हमारे अकेलेपन को दूर करता है लेकिन एक स्टडी के अकॉर्डिंग सोशल मीडिया का ओवर यूज हमारे अकेलेपन को बढ़ाता है और अगर इसका यूज कम कर दिया जाए तो हम कम अकेला फील करेंगे और हमारी मेंटल हेल्थ इंप्रूव भी हो जाएगी तो ऐसे में हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है जो अक्सर हमें कोई ना कोई कहता रहता है 

नंबर चार डिप्रेशन एंड एंजाइटी 

मेंटली हेल्दी रहने के लिए हम इंसानों का फेस टू फेस कांटेक्ट होना बहुत जरूरी है अपनों से आई टू आई कांटेक्ट होने पर हमारा स्ट्रेस कम होता है और मूड भी बहुत तेजी से बूस्ट होता है लेकिन हमने इसकी जगह सोशल मीडिया को दे दी है उसी के जरिए इंटरेक्शन करना हमें पसंद आने लगा है और हम इसे स्ट्रेस रिलीवर भी समझ रहे हैं लेकिन असल में यह एंजाइटी और डिप्रेशन जैसे मूड डिसऑर्डर्स के रिस्क को तेजी से बढ़ा रहा है

 नंबर पांच साइबर बुलिंग 

सोशल मीडिया पर साइबर बुलिंग बहुत ही कॉमन है इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग अपने थॉट्स और फीलिंग शेयर करते हैं जो बहुत बार हर्ट करने के पर्पस के लिए होती है एक साइबर बुलिंग रिसर्च सेंटर स्टडी के अकॉर्डिंग साइबर बुली को फेस करने वाले टीनेजर्स में से 73 ने इसे सोशल मीडिया पर एक्सपीरियंस किया है सोचिए उनकी मेंटल हेल्थ पर इसका कितना गहरा असर पड़ा होगा 

नंबर छह फेक न्यूज़ का तेजी से स्प्रेड होना 

सोशल मीडिया फेक न्यूज़ का मेन सोर्स बन गया है जहां पर हर तरह की फेक न्यूज़ बहुत ही तेजी से वायरल हो जाती है और उसका मेंटल हेल्थ पर इंपैक्ट भी उतनी ही तेजी से होता चला जाता है इस तरह की न्यूज़ और इंफॉर्मेशन कंफ्यूजन एंजाइटी और डिस्ट्रेस की फीलिंग्लेस बात की एंजाइटी बनी रहती है तो इस तरह हमेशा हम एक्साइटेड और अपडेटेड रखने वाले सोशल मीडिया की इस डार्क साइड को भी आपने देख लिया है यूं तो आप यह सब जानते हैं 

लेकिन जल्दी-जल्दी रिमाइंडर नहीं मिलने की वजह से फिर से उसी दुनिया में चले जाते हैं जहां पर बहुत कुछ फेक है एडिक्शन है और मेंटल हेल्थ को हाम पहुंचाने वाला है तो इस पोस्ट  को एक रिमाइंडर ही समझ लीजिए जो आपको याद दिला रहा है कि सोशल मीडिया का यूज जरा संभल कर करें क्योंकि यहां साइबर बुलिंग सोशल कंपैरिजन फोमो डिस इंफॉर्मेशन और एडिक्शन जैसा बहुत कुछ है जो आपकी सेहत को खराब कर रहा है बिल्कुल जै जैसे कि धीमा जहर करता है 

अब आगे बढ़ते हैं उन साइंस को देखते हैं जिन्हें पहचान कर आप यह पता लगा सकते हैं कि सोशल मीडिया आपकी मेंटल हेल्थ को भी अफेक्ट कर रहा है अगर आप फेस टू फेस रिलेशनशिप्स को नेगलेक्ट करने लगे हैं तो यह एक साइन है 

अगर आप बोरियत दूर करने के लिए जल्दी-जल्दी सोशल मीडिया का यूज करते हैं तो यह भी एक साइन है दूसरों को जेलस या अपसेट करने के इरादे से अब सोशल मीडिया पर पोस्ट करना चाहते हैं तो भी जरा खुद के इंटेंशन को चेक करें सोशल मीडिया और दूसरों से खुद का कंपैरिजन कर रहे हैं तो भी संभलने की जरूरत है अगर आपको साइबर बुलिंग का डर सताता है स्टडीज या वर्क टाइम पर आप डिस्ट्रेस्ड रहते हैं अपने बारे में रेगुलर कंटेंट पोस्ट करने का प्रेशर फील करते हैं खुद के बारे में सोचने का टाइम तो आपके पास बचा ही नहीं है क्योंकि आपका सारा टाइम सोशल मीडिया पर चला जाता है लाइक शेयर्स और पॉजिटिव रिएक्शंस के लिए अब डेंजरस प्रैंक्स पोस्ट और एंबेरेसमेंट आप खुद को एंजाइटी की कंडीशन में देख रहे हैं तो यह सब आपकी मेंटल हेल्थ पर सोशल मीडिया के नेगेटिव इंपैक्ट के साइंस ही तो है लक्षण है सिम्टम्स है जिन्हें पहचानकर आपको जल्द से जल्द इन्हें ठीक करने की जरूरत होगी ताकि आपकी मेंटल हेल्थ और ज्यादा सफर ना करें और आप अच्छी मेंटल कंडीशन की तरफ आगे बढ़ सके तो इसके लिए आपको क्या करना चाहिए इन तीन हेल्पिंग स्टेप्स को फॉलो कीजिए

 नंबर एक सोशल मीडिया पर स्पेंड किए जाने वाले टाइम को रिड्यूस करें 

अब यह बात सुनकर तो आप एंसिस महसूस कर रहे होंगे क्योंकि सोशल मीडिया आज किसी लत से कम नहीं है लेकिन इसके इतने सारे साइड इफेक्ट्स जानने के बाद तो यह कदम उठाने जरूरी है है ना और फिर स्टडी के अकॉर्डिंग सोशल मीडिया के यूज को हर दिन अगर 30 मिनट कम कर दिया जाए तो भी एंजाइटी डिप्रेशन लोनलीनेस स्लीप प्रॉब्लम और फोमो के लेवल्स को कम किया जा सकता है अगर 30 मिनट कट करना आपके लिए टफ हो तो आप 10 मिनट से शुरू कीजिए जितना जितना सोशल मीडिया का यूज आप डेली करते हैं उसे 10-10 मिनट कम करते जाइए 

 फिर इसे 20 और 30 मिनट पर ले आइए इसके लिए आप ऐसे एप्लीकेशंस भी यूज कर सकते हैं जो हर दिन सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले टाइम को ट्रैक करते हैं उसमें आप कुछ लिमिट भी डिसाइड कर सकते हैं लाइक साथ खेलते समय भी अपने फोन को बाथरूम में लेकर मत जाइए और ना ही बेड पर सोशल मीडिया नोटिफिकेशंस को डिसेबल कर दीजिए और इन सबसे इंपॉर्टेंट टिप यह है कि ऐसा करने का पक्का इरादा रखिए क्योंकि तभी आप ऐसा कर पाएंगे 

नंबर दो अपने फोकस को चेंज कीजिए 

आपका फोकस भले ही अभी तक बोरियत दूर करने या दूसरों की जिंदगी को सोशल मीडिया के थ्रू जीने पर टिका हुआ है लेकिन अब आप इसे चेंज कर लीजिए दूसरों की जिंदगी को देखकर इनसिक्योर और जेलस होना बंद कीजिए खुद की लाइफ को बेहतर बनाने के लिए मोटिवेट बनिए बोरियत दूर करनी है तो अपने फैमिली मेंबर्स के बीच बैठकर बात कीजिए

दोस्तों से मिलने जाइए अच्छी किताबें पढ़िए वॉक पर निकल जाइए जिम जवाइन कर लीजिए या फिर कोई नई स्किल सीखने पर लगा दीजिए अपना फोकस यह सब आपकी मेंटल हेल्थ को हील करेंगे जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है

नंबर तीन माइंडफुल की प्रैक्टिस करिए 

सोशल मीडिया ने आपकी लाइफ में काश को जोड़ दिया है काश मेरे पास भी ना यह सब होता काश मुझे भी यह मिलता काश मैं भी ऐसी दिखाई देती काश मैं भी ऐसे घूम पाता ऐसे ना जाने कितने ही काश आप हर रोज अपने दिमाग में जमा करते जाते हैं जैसे-जैसे आप सोशल मीडिया की गिरफ्त में जाते चले जाते हैं तो ऐसे में आप भूल जाते हैं कि आप आज जहां पर भी है वहां पर कितना कुछ अच्छा है और आपके अंदर ग्रेटी ूडल आ ही नहीं पाता इसलिए आप अक्सर शिकायतों और निराशा हों से भरे रहते हैं इससे निकलने के लिए आप माइंडफुल की प्रैक्टिस करते हैं यानी अपने प्रेजेंट मोमेंट पर गौर कीजिए इसके लिए आप मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं और दिन की हर एक एक्टिविटी और गौर से ऑब्जर्व करते हुए भी प्रेजेंट मोमेंट में बने रहने की कोशिश कर सकते हैं ऐसा करके आप फोमो के इंपैक्ट को कम कर सकते हैं खुश रहना शुरू कर सकते हैं और जो कुछ भी आपके पास है उसके लिए ग्रेटी ूडल पीस तक भी पहुंच सकते हैं और ऐसा करके आप अपनी मेंटल हेल्थ पर पड़े

सोशल मीडिया के इंपैक्ट को धीरे-धीरे ही सही खत्म कर सकते हैं और इस तरह इन तीन सिंपल स्टेप्स के जरिए आप सोशल मीडिया के डार्क साइड से उसके नेगेटिव इंपैक्ट से खुद को बाहर भी निकाल सकते हैं और उससे बचे भी रह सकते हैं तो इन्हें जल्द से जल्द अपना लीजिए इसकी प्लानिंग कीजिए और यह तो हम सभी जानते हैं कि जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही सोशल मीडिया के भी हैं पॉजिटिव साइड जो हमें कम्युनिकेट और इफॉर्म करने में मदद करता है और डार्क नेगेटिव साइड जो हमें हमारे रियल वर्ल्ड से अलग करके किसी और ही दुनिया में शामिल कर देना चाहता है 

ताकि हम गुम हो जाएं लेकिन हम ह्यूमन सोशल क्रिचर्स हैं इसलिए हम कहीं और गुम नहीं हो सकते हमें लौटकर तो अपनों के बीच इस फिजिकल वर्ल्ड में ही आना है क्योंकि यही हमारी रियल जिंदगी है रियल हैप्पीनेस है तो फिर अब आप कैसे सोशल मीडिया से खुद को बचा सकते हैं उसका एडवांटेज लेकर साइड इफेक्ट से दूर रह सकते हैं यह आप ही को देखना है बस रिक्वेस्ट इतनी है कि ज्यादा देर मत कीजिएगा और अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखिएगा क्योंकि आपके लिए हमारी रियल और नेचुरल ही है फेक नहीं इसी के साथ आज का यह आई ओपनिंग पोस्ट  यहीं पर पूरा होता है आपके लिए पोस्ट  किस तरह हेल्पफुल रहा

हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा और इसे लाइक करने के साथ-साथ आपको इसे शेयर तो करना ही करना है हम यह नहीं कह रहे हैं कि सब बंद कर दीजिए लेकिन अलिमिट या बैलेंस जो वर्ड है ना बस उसका ध्यान रखिए हमें सब करना है आज का जमाना है फोन यूज करना है रिप्लाई देना है लेकिन थोड़ा बैलेंस में प्रॉब्लम य होती है कि हम इतनी अती कर जाते हैं कि फिर भूल ही जाते हैं कि हम कहां हैं और हम बिल्कुल नहीं चाहते कि आपके साथ कुछ भी ऐसा हो तो प्लीज आप थोड़ी सी प्लानिंग कीजिए कैसे करना है क्या करना है टिप्स आपको दे दिए गए हैं और आपकी कोई पर्सनल टिप है 

इस टॉपिक पर इस बारे में मतलब आपने कुछ ऐसा किया है जिसका रिजल्ट बहुत ही अच्छा मिला है मतलब बड़ा सुकून है जिंदगी में तो प्लीज हमारे साथ जरूर शेयर करें बाकी हम जल्दी ही मिलेंगे नए सवालों के जवाब के साथ तब तक के लिए अपने सवाल भेजते रहिए अभी तक आपने अगर लाइक नहीं किया है गवर्नमेंट सर्विस  को तो लगे हाथ जल्दी से लाइक करके बेल आइकन को प्रेस कर दीजिए ताकि हर नोटिफिकेशन आप तक पहुंचे और जो आपकी ग्रोथ में आपको मदद करें और जिन भी चीजों को लेकर के आप परेशान हैं उन सारे सवालों के जवाब आपको मिले तो हमेशा अपना प्यार सपोर्ट बनाए रखिए और इसी के साथ अभी के लिए संदीप  आपसे कहेगी धन्यवाद

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