Government Jobs after MBBS – जब आप मेडिकल प्रोफ़ेशन में ज़बरदस्त मेहनत कर के MBBS complete करते हैं, और उसके बाद Govt job में placement मिल जाए, तो क्या कहना। जितने भी मेडिकल अस्पिरंट्स, जो MBBS की तैयारी करने वाले हैं, कर रहे हैं या कर चुके हैं – उनको जान कर ख़ुशी होगी कि आप State Govt और Central Govt दोनों में career बना सकते हैं। और आज का ये पोस्ट इसी पे डेडिकेटेड है – Govt jobs after MBBS. इसीलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े .
वैसे सरकारी नौकरी ना किसी खजाने से कम तो नहीं होती है अगर यह मिल जाए तो जमाने भर की खुशियां मिल जाती है और जब आप मेडिकल प्रोफेशन में जबरदस्त मेहनत करके एमबीबीएस कंप्लीट करते हैं और उसके बाद गवर्नमेंट जॉब में प्लेसमेंट मिल जाए तो क्या कहना जितने भी मेडिकल एस्परेंस जो एमबीबीएस की तैयारी करने वाले हैं कर रहे हैं या कर चुके हैं उनको जानकर खुशी होगी कि आप स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट दोनों में करियर बना सकते हैं
आज का यह पोस्ट इसी पर डे टेड है गवर्नमेंट जॉब्स आफ्टर एमबीबीएस तो नमस्कार दोस्तों मैं हूं संदीप पारिक आपके साथ गवर्नमेंट सर्विस वेबसाइट पर और सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं
स्टेट गवर्नमेंट जॉब्स के साथ जिसमें पहला रोल है मेडिकल ऑफिसर
यह ट्रेड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स होते हैं जो कि अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई बैचलर्स डिग्री इन मेडिसिन या नर्सिंग के बाद मरीजों की मेडिकल कंडीशंस को डायग्नोज करते हैं उनका इलाज करते हैं और पेशेंट्स को मैनेज करते हैं
अब आमतौर पर इन्हें हेल्थ केयर सेंटर्स पर बैठना होता है और वहां के स्टाफ को भी एडवाइस देनी होती है तो इनमें अच्छी स्पीकिंग स्किल्स अंडर प्रेशर काम करने की काबिलियत और मेडिकल सेक्टर में प्रोफिशिएंसी रखनी पड़ती है मेडिकल ऑफिसर भी अलग-अलग तरह के होते हैं
जैसे पब्लिक हेल्थ मेडिकल ऑफिसर मेडिकल रिसर्च ऑफिसर मेडिकल रिव्यू ऑफिसर मेडिकल ऑफिसर इन द आर्म्ड फोर्सेस और मेडिकल ऑफिसर इन हॉस्पिटल्स वगैरह है
एमबीबीएस के अलावा बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी और बैचलर इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी करके भी मेडिकल ऑफिसर बना जा सकता है
मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए मेडिकल साइंसेस एनाटॉमी फिजियोलॉजी फार्माकोलॉजी पैथोलॉजी जैसे एरियाज की जानकारी आपको होनी चाहिए सही इलाज और दवाइयां प्रिस्क्रुटनी पेशेंट्स के साथ डील करना आपको आना चाहिए
अगर आप अपने राज्य में मेडिकल ऑफिसर का जॉब ढूंढ रहे हैं तो एग्जांपल के लिए वेस्ट बंगाल के लिए wbhealth.gov.in राजस्थान के लिए rajswasthya.nic.in और उत्तर प्रदेश के लिए उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन की बब साइट पर आप जा सकते हैं इसी तरह अपने राज्य में राज्य सरकार की मेडिकल वेबसाइट या स्टेट सर्विस कमीशन की वेबसाइट और नोटिफिकेशन देख सकते हैं एक मेडिकल ऑफिसर की सैलरी ₹1 लाख से लेकर के ₹50 लाख या उससे भी ज्यादा जाती है अलग-अलग राज्यों में क्वालिफिकेशन एक्सपीरियंस और सीनियरिटी के लिहाज से एनुअल पे स्केल अलग-अलग हो सकता है अगला रोल है चीफ मेडिकल ऑफिसर या सीएमओ इसे कहीं-कहीं डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर भी कहते हैं जो पूरे जिले का हेल्थ ऑफिसर होता है और जिले में चल रहे सरकारी हॉस्पिटल्स की निगरानी देखभाल ओवरऑल ऑपरेशंस की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है
इनकी जिम्मेदारियों में हेल्थ सर्विस का बजट प्लान करना जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर डिलीवर करना हेल्थ सर्विस की मॉनिटरिंग करना मेडिकल सप्लाई बरकरार रखना हेल्थ सेंटर्स को टेक्निकल गाइडेंस और सपोर्ट देना जिले में फाइनेंशियल सपोर्ट को सुनिश्चित करना नेशनल हेल्थ पॉलिसी को समझाना हेल्थ से जुड़े इश्यूज पर एडवाइस देना जरूरी मैनपावर को ट्रेनिंग देना
मेंटरिंग कोचिंग प्रमोशंस लीव और स्टाफ का असेसमेंट करना हेल्थ रिसर्च करवाना कोड ऑफ कंडक्ट और एथिक्स का पालन करवाना और गवर्नमेंट को जरूरी रिपोर्ट्स देना आदि शामिल है डिस्ट्रिक्ट लेवल पर पब्लिक हेल्थ एंड सेफ्टी के लिहाज से कोई भी स्टेप लेना है जैसे कि डेंगू की रोकथाम गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में बेड की कमी को दूर करना स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा बनाई गई मेडिकल पॉलिसीज को डिस्ट्रिक्ट लेवल पर लागू करवाना
तो यह सभी काम सीएमओ या डीएमओ का ही होता है क्वालिफिकेशन के तौर पर एमबीबीएस की डिग्री मेडि काउंसिल ऑफ इंडिया या स्टेट मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन मेडिकल प्रैक्टिस के लिए एक वैलिड लाइसेंस और हेल्थ केयर सेक्टर में 10 साल का एक्सपीरियंस और मैनेजरियल या एडमिनिस्ट्रेटिव रोल पर 5 साल का एक्सपीरियंस चाहिए होता है
डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर की सैलरी भी 2 लाख से 50 लाख के बीच होती है जो क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस के हिसाब से और भी ज्यादा हो सकती है एमबीबीएस के बाद स्टेट लेवल पर
अगला गवर्नमेंट जॉब है सिविल सर्जन
एमबीबीएस और मेडिकल में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ले चुके कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं जिनके पास 5 साल का एक्सपीरियंस होना चाहिए उम्र 18 से 38 साल होनी चाहिए और अलग-अलग कैटेगरी में छूट भी मिलती है इसके लिए कैंडिडेट के पास कम से कम 5 साल का वर्किंग एक्सपीरियंस होना चाहिए जिसमें मिनिमम 3 साल ऐसे हॉस्पिटल में काम करने का अनुभव होना चाहिए
जिसमें मरीजों के लिए 30 से ज्यादा बैट्स हो वैसे अलग-अलग राज्यों में डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर या चीफ मेडिकल ऑफिसर का सिलेक्शन प्रोसेस काफी अलग-अलग होता है जैसे झारखंड मेडिकल ऑफिसर उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन मेडिकल ऑफिसर एमपीएससी मेडिकल ऑफिसर सीजीपीएससी कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर ओबीएससी होम्योपैथिक मेडिकल ऑफिसर वगैरह वगैरह इन सभी पोजीशंस के लिए एग्जाम होते हैं और क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के बाद रिक्रूट किया जाता है यह एग्जाम्स राज्य के पब्लिक सर्विस कमीशन या स्टेट मेडिकल सिलेक्शन बोर्ड के द्वारा लिए जाते हैं
अब सेंट्रल गवर्नमेंट में अवेलेबल अपॉर्चुनिटी की अगर हम बात करें
तो इसका सबसे पॉपुलर मीडियम है यूपीएससी का कंबाइंड मेडिकल सर्विस सीएमएस एग्जाम हर साल जुलाई में कंडक्ट होता है एमबीबीएस क्वालिफाइड कैंडिडेट्स इस एग्जाम को दे सकते हैं और इसके जरिए ग्रुप ए और ग्रुप बी मेडिकल ऑफिसर्स को रिक्रूट किया जाता है अप्रैल में इसकी नोटिफिकेशन आ जाती है और ऑनलाइन एप्लीकेशन देनी होती है
यूपीएससी सीएमएस की मैक्सिमम एज लिमिट है 32 साल और कैटेगरी वाइज उम्र में छूट भी दी जाती है फेस टू में पर्सनालिटी टेस्ट और उसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है इसके रिटर्न टेस्ट के पेपर फर्स्ट में जनरल मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स से सवाल आते हैं टोटल मार्क्स होते हैं 250 और टोटल टाइम 2 घंटे वहीं सेकंड पेपर में सर्जरी प्रिवेंट एंड सोशल मेडिसिन और गायनेकोलॉजी एंड ऑब्स्ट िक्स से सवाल आते हैं यहां पर भी 2 घंटे में 250 मार्क्स के क्वेश्चन सॉल्व करने होते हैं सीएमएस को क्वालीफाई करने पर इंडियन रेलवे में असिस्टेंट डिवीजनल मेडिकल ऑफिसर का पोस्ट मिलता है वहीं सेंट्रल हेल्थ सर्विस में मेडिकल ऑफिसर्स ग्रेड वाली पोस्ट पर जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर्स को रिक्रूट किया जाता है
इन दोनों ही पोस्ट पर ₹ 6100 से लेकर के ₹ 77500 की सैलरी मिलती है इसके अलावा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली में जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर ग्रेड टू सेंट्रल हेल्थ सर्विस में जूनियर स्केल मेडिकल ऑफिसर और इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हेल्थ सर्विस में असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर का रोल भी मिलता है वैसे इन सभी ऑफिसर्स को एक्सपीरियंस के हिसाब से प्रमोशन पेंशन और ग्रेच्युटी मिलती है
वैसे इसके अलावा कंबाइंड फोर्सेस में भी डॉक्टर्स अपॉइंट्स पर रिटन एम होते हैं और इंटरव्यू के बाद कैंडिडेट्स का सिलेक्शन होता है एमबीबीएस क्वालिफाइड इन सभी डॉक्टर्स को इंडियन आर्मी इंडियन नेवी और बाकी डिफेंस फोर्सेस को सर्व करने का चांस मिलता है
कैंडिडेट्स का स्टेट मेडिकल काउंसिल या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का मेंबर होना जरूरी होता है आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस के अंडर 11 से 12 लाख की एनुअल सैलरी होती है और इंडियन आर्मी नेवी और एयरफोर्स में कैप्टन मेजर लूटने या लूटने कमांडर जैसे ऑफिसर रैंक पर तैनाती भी मिलती है और इसके साथ ही एडिशनल बेनिफिट्स भी मिलते हैं इसके बाद बात करें
गवर्नमेंट हेल्थ डिपार्टमेंट्स के साथ काम करने की
तो कंबाइंड मेडिकल सर्विसेस क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को कंप्रिहेंसिव प्राइमरी हेल्थ केयर में कम्युनिटी प्रोसेस कंसल्टेंट सीनियर कंसल्टेंट और कंसल्टेंट्स अंडर मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ मिशन में भी काम करने का चांस मिलता है
जहां तक बात है एकेडमिक जॉब्स की तो एम्स पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी कि आईसीएमआर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फाउंडेशन अ रिसर्च और सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में भी सर्विस देने के लिए बुलाया जाता है
इन सभी मेडिकल ऑफिसर्स को इन प्रेस्टीजियस इंस्टीट्यूशंस में रेयर डिजीज के बारे में रिसर्च करने इलाज ढूंढने और अफोर्डेबल दवाइयां बनाने वैक्सीन डेवलप करने पैंमिकन करने की मेडिकल पॉलिसीज बनाने सेंट्रल गवर्नमेंट को गाइडलाइंस देने और लीगल एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को तय करने का काम मिलता है इन सभी मेडिकल ऑफिसर्स की एवरेज एनुअल सैलरी ₹ लाख से शुरू होती है रूरल एरियाज में गवर्नमेंट की तरफ से अक्सर ही मेडिकल एंड हेल्थ चेकअप कैंप्स लगाए जाते हैं
इसके लिए कैंप डॉक्टर्स की जरूरत पड़ती है और यह भी क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर्स होते हैं जो पेशेंट कंसल्टेशन फिजिकल एग्जामिनेशंस वर्कलोड मैनेजमेंट सर्जिकल प्रोसीजर्स और मेडिकेशन मॉनिटर करने में एक्सपर्ट होते हैं इन लाइसेंस्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स को देश भर में जहां पर बेहतर मेडिकल सर्विसेस उपलब्ध नहीं है वहां पेशेंट्स को देखने उनकी मेडिकल हिस्ट्री को रिव्यू करने बीमारी या इंजरी को देखने उनका इलाज करने और काउंसलिंग देने का काम करना पड़ता है एक कैंप डॉक्टर की एवरेज एनुअल सैलरी ₹ लाख से शुरू होती है
तो आज के इस पोस्ट गवर्नमेंट जॉब्स आफ्टर एमबीबीएस में बस इतना ही वैसे हमारी लाइब्रेरी में नीट क्या है इसकी पूरी जानकारी हाउ टू प्रिपेयर नीट हाउ टू चूज मेडिकल कॉलेज आफ्टर नीट व्हाट इज एमसीएच इन मेडिकल कोर्स जैसे पोस्ट आपको मिल जाएंगे इनसे आपको मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की लगभग सभी जरूरी जानकारियां मिल जाएंगी उम्मीद है आगे हम यूपीएससी कंबाइंड मेडिकल सर्विस पर कंप्लीट इंफॉर्मेशन वाला पोस्ट लेकर आएं हमारे सभी पोस्ट पर पूरी टीम को इंस्पिरेशन मिलती है जब आप लाइक करते हैं शेयर करते हैं और कमेंट्स के थ्रू ढेर सारा अपना प्यार हमें शेयर करते हैं साथ ही साथ यह पोस्ट कैसा लगा यह तो आप बता ही रहे हैं और आगे कौन सा सवाल है जिस पर पोस्ट देखना चाहते हैं टॉपिक है वो भी हमें भेजिए तो मिलेंगे जल्दी ही तब तक के लिए मैं संदीप पारिक आपसे कहूंगी हमेशा अपने आपको को अपडेट रखिए गवर्नमेंट सर्विस के साथ जुड़े रहिए धन्यवाद
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