आधुनिक समय में, नकद लेन-देन से जुड़े नियमों को समझना आवश्यक हो गया है, खासकर जब यह इनकम टैक्स और बैंकिंग प्रणाली से संबंधित हो। 2025 में, भारत सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने कैश ट्रांजैक्शन पर कई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि काले धन पर रोक लगाई जा सके और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जा सके। इस लेख में हम कैश लेन-देन की सीमा, नियम, पेनल्टी और उससे बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कैश लेन-देन की रिपोर्टिंग सीमा (Reporting Limit)
नकद लेन-देन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक रिपोर्टिंग सीमा है। यह सीमा विभिन्न प्रकार के खातों और ट्रांजैक्शन पर लागू होती है।
1. सेविंग अकाउंट (Saving Account):
- यदि आपके सेविंग अकाउंट में किसी वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा होता है, तो बैंक इसे एसएफटी (Specified Financial Transaction) के माध्यम से इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट करता है।
- यह सीमा समग्र (Aggregate) रूप से लागू होती है, यानी चाहे आप छोटी-छोटी राशि जमा करें या एक बार में बड़ा अमाउंट, अगर कुल राशि 10 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो यह रिपोर्ट हो जाएगी।
2. करंट अकाउंट (Current Account):
- करंट अकाउंट में नकद जमा और निकासी की सीमा 50 लाख रुपये तय की गई है।
- यह सीमा उन व्यापारियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, जो बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन करते हैं।
3. फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक ड्राफ्ट (Fixed Deposit & Bank Draft):
- फिक्स्ड डिपॉजिट के मामले में, 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करने पर बैंक इसे रिपोर्ट करेगा।
- इसी तरह, बैंक ड्राफ्ट, पे ऑर्डर या अन्य किसी भी प्रकार के नकद ट्रांजैक्शन पर भी यही सीमा लागू होती है।
4. इमूवेबल प्रॉपर्टी लेन-देन (Immovable Property Transactions):
- यदि आप 30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति का नकद लेन-देन करते हैं, तो इसे भी रिपोर्ट किया जाएगा।
सेक्शन 269ST के तहत नकद लेन-देन की सीमा
भारतीय इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 269ST के तहत, 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेन-देन प्रतिबंधित है। यह नियम तीन प्रकार के लेन-देन पर लागू होता है:
- एकल व्यक्ति से नकद प्राप्ति (Single Person Cash Receipt):
- आप किसी एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक नकद प्राप्त नहीं कर सकते।
- एकल ट्रांजैक्शन (Single Transaction):
- यदि एक ही ट्रांजैक्शन में 2 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जाता है, तो यह अवैध माना जाएगा।
- एकल आयोजन या घटना (Single Event/Occasion):
- किसी एक आयोजन के तहत 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेन-देन स्वीकार्य नहीं है।
उदाहरण:
यदि आप किसी दुकान से 2 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदते हैं, तो दुकानदार नकद भुगतान स्वीकार नहीं कर सकता। यह नियम काले धन पर रोक लगाने और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है।
बिज़नेस के लिए नकद खर्च की सीमा
व्यवसायिक नकद खर्चों को भी नियमों के तहत सीमित किया गया है।
1. सेक्शन 40A (3):
- व्यापारिक खर्च के लिए प्रति दिन 10,000 रुपये से अधिक नकद खर्च नहीं किया जा सकता।
- यदि आप इस सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो वह खर्च आपकी आय में शामिल नहीं किया जाएगा और आप उस पर टैक्स क्लेम नहीं कर पाएंगे।
2. विशेष मामलों में छूट:
- गुड्स कैरियेज (Goods Carriages) या लीजिंग जैसे मामलों में, नकद खर्च की सीमा 35,000 रुपये तक हो सकती है।
नकद लोन और रीपेमेंट की सीमा
भारतीय कानून नकद लोन और उसके रीपेमेंट को भी सीमित करता है।
1. सेक्शन 269SS:
- 20,000 रुपये से अधिक का नकद लोन स्वीकार करना अवैध है।
2. सेक्शन 269T:
- 20,000 रुपये से अधिक का लोन नकद में वापस करना भी प्रतिबंधित है।
3. सेक्शन 269ST:
- 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लोन एकल व्यक्ति से प्राप्त नहीं किया जा सकता।
टीडीएस (Tax Deducted at Source) पर नियम
बैंक से बड़ी नकद निकासी पर टीडीएस काटा जाएगा।
1. आईटीआर फाइल करने वालों के लिए:
- यदि आपने पिछले वर्षों में आईटीआर फाइल किया है, तो 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर 2% टीडीएस काटा जाएगा।
2. आईटीआर न फाइल करने वालों के लिए:
- यदि आपने पिछले 3 वर्षों में आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो 20 लाख रुपये से अधिक निकासी पर 2% टीडीएस और 1 करोड़ रुपये से अधिक निकासी पर 5% टीडीएस काटा जाएगा।
डोनेशन और अन्य प्रतिबंध
- इनकम टैक्स कानून के तहत, 2,000 रुपये से अधिक का नकद दान स्वीकार्य नहीं है।
- यदि आप अधिक नकद दान करते हैं, तो आपको उसकी टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
कैश लेन-देन के अपवाद (Exceptions)
कुछ विशेष मामलों में नकद लेन-देन की सीमा लागू नहीं होती, जैसे:
- कृषि गतिविधियां (Agricultural Activities):
- किसानों को उनकी नकद आय पर कोई सीमा नहीं है।
- रिमोट क्षेत्र (Remote Areas):
- जहां बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां नकद लेन-देन पर छूट दी गई है।
आईटी नोटिस और पेनल्टी
यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते, तो आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है।
नोटिस मिलने के कारण:
- आपने बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन किया हो।
- आईटीआर फाइल नहीं किया हो।
- आय का स्रोत स्पष्ट नहीं दिखाया हो।
पेनल्टी:
- नियमों के उल्लंघन पर 50% से 200% तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है।
कैश लेन-देन के लिए सुझाव
- डिजिटल भुगतान अपनाएं:
- डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर आपको रिपोर्टिंग और टीडीएस से बचने में मदद मिलेगी।
- सभी लेन-देन रिकॉर्ड करें:
- अपने नकद लेन-देन का सही रिकॉर्ड रखें ताकि जरूरत पड़ने पर इनकम टैक्स विभाग को विवरण प्रस्तुत कर सकें।
- आईटीआर फाइल करें:
- नियमित रूप से आईटीआर फाइल करें और अपनी आय को पारदर्शी बनाएं।
समाप्ति
2025 में नकद लेन-देन के नियम अधिक स्पष्ट और सख्त हो गए हैं। इन नियमों का पालन न केवल आपको पेनल्टी से बचाएगा, बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति को भी स्थिर बनाएगा। इनकम टैक्स विभाग का उद्देश्य नकद लेन-देन को प्रतिबंधित करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक अपने टैक्स दायित्व को सही तरीके से पूरा करे।
यदि आपके पास टैक्स प्लानिंग या आईटीआर से संबंधित कोई सवाल हैं, तो कृपया हमें बताएं। हमारा उद्देश्य आपको सही जानकारी प्रदान करना है ताकि आप कानूनी रूप से वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकें।
धन्यवाद!