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टी बिल क्या है? | भारत में ट्रेजरी बिल  T Bills Kya Hai? | Treasury Bills In India

टी बिल क्या है? | भारत में ट्रेजरी बिल :- ऐसा क्या है जो एफडी जितना सुरक्षित है पर एफडी से ज्यादा रिटर्न देता है नहीं पता चलिए हम बताते हैं हेलो मेरा नाम है संदीप  और आप पढना शुरू कर चुके हैं गवर्नमेंट सर्विस  एफडी जितना सेव पर उससे ज्यादा रिटर्न्स देने वाली चीज है टी बिल्स जी टी बिल्स यानी ट्रेजरी बिल एक ऐसा इन्वेस्टिंग ऑप्शन है जिसे गवर्नमेंट आरबीआई द्वारा लॉन्च करती है जब सरकार को 1 साल से कम के लिए कुछ पैसों की जरूरत होती है तो वो टी बिल्स लॉन्च करती है आप टी बिल्स खरीदते हैं और बदले में आप सरकार को कुछ पैसे देते हैं सरकार आपको वह पैसा ब्याज समेत लौटा है 

टी बिल्स को जीरो कूपन बॉन्ड्स भी कहा जाता है 

क्यों क्योंकि यह कोई स्पेसिफिक तरह का इंटरेस्ट हमें नहीं देते हैं फिर आप सोचेंगे कि क्या ही फायदा टी बिल्स कुछ अलग तरह से काम करते हैं टी बिल्स यानी ट्रेजरी बिल आपको डिस्काउंटेड प्राइस पर बेचे जाते हैं और जब यह मैच्योर हो जाते हैं यानी इनका टाइम पीरियड पूरा हो जाता है तो आपको सरकार इनकी पूरी रकम वापस लौटा है इसी तरह सरकार आपको इसका ब्याज लौटा है 

चलिए इसको एक एग्जांपल से समझते हैं जैसे कि हमें ₹1 का कोई ट्रेजरी बिल 990 का मिल गया है तो जब हम इसे वापस देंगे 

तब हमें सरकार इसकी फेस वैल्यू यानी ₹1 वापस लौटा आएगी तो मतलब ये जो एक्स्ट्रा ₹10 हैं वो इसका इंटरेस्ट है जो सरकार ने हमें दिया है इसी तरह से ट्रेजरी बिल्स के इन्वेस्टर्स को ब्याज दिया जाता है 

चलिए अब जानते हैं कि टी बिल्स कितने तरह के होते हैं 

ट्रेजरी बिल्स इंडिया में तीन तरह के होते हैं और ट्रेजरी बिल का टाइप उनकी इन्वेस्टमेंट के टाइम पीरियड पर डिपेंड करता है 

  1. एक होता है 91 डेज के लिए 
  2.  दूसरा होता है 182 डेज के लिए 
  3. तीसरा होता है 364 डेज के लिए 

91 डेज वाले टी बिल्स हर हफ्ते वेनसडे को ऑक्शन किए जाते हैं जबकि 182 डेज और 364 डेज वाले टी बिल्स का ऑक्शन हर अल्टरनेट वेनसडे को किया जाता है 

टी बिल्स ऑप्शन कौन करता है 

यूजुअली आरबीआई टी बल्स को कब-कब लॉन्च किया जाता है इसके लिए आरबीआई हर क्वार्टर एक कैलेंडर निकालती है वेबसाइट की लिंक https://m.rbi.org.in/scripts/BS_ViewForms.aspx?FCId=1 जाएगी आप जाके वहां से वह कैलेंडर देख सकते हैं 

तो मतलब अगर आप 182 डेज वाला टी बिल अभी लेंगे तो वो आपको डिस्काउंट पर मिल जाएगा और उसका समय जब पूरा हो जाएगा मतलब 182 डेज बाद जब आप वो टी बिल वापस करेंगे तब आपको उसका एक्चुअल अमाउंट वापस मिल जाएगा मतलब डिस्काउंटेड प्राइस और एक्चुअल प्राइस में जो डिफरेंस है ना वही है आपका इंटरेस्ट तो जैसे हमने आपको पहले भी बताया

कि टी बिल्स कोई इंटरेस्ट नहीं पे करते इसलिए आरबीआई भी अपनी साइट पर टी बिल से मिलने वाला इंटरेस्ट नहीं बल्कि एनुअली यील्ड रेट मेंशन करती है जैसे आज यानी 4 दिसंबर को जब यह स्क्रिप्ट लिखी जा रही है 91 डे टेबल्स का यील्ड रेट 6.9 है और 182 डेज और 364 डेज वाले टीबल का यील्ड रेट 7.1 है 

चलिए अब जानते हैं कि टी बिल्स खरीदने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या होता है

 2016 से पहले यह कुछ स्पेसिफिक कंपनीज के लिए ही उपलब्ध थे पर अब आरबीआई ने इन्हें सभी के लिए उपलब्ध करवा दिया है आरबीआई अपनी साइट पर टी बल्स के बारे में समय-समय पर जानकारी अपलोड करती रहती है 

आप वहां से जानकारी लेके इनके लिए अप्लाई कर सकते हैं 

आप नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई की गोबड ऐप से भी टी बिल्स खरीद सकते हैं इनके अलावा कुछ स्टॉक ब्रोकर्स भी टी बिल्स खरीदने की फैसिलिटी देते हैं इनके जरिए टी बिल्स सीधा आपके डीमेट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं 

अब एक और सवाल हमारे दिमाग में यह आता है  कि क्या होगा अगर आपको टीबल समय से पहले बेचने पड़ जाएं

 तो जैसे मानिए कि आपने 182 डेज वाला टी बिल खरीदा है और आप उसे समय से पहले यानी 182 डेज से पहले ही बेचना चाहते हैं तो आप अपने टी बिल के करंट प्राइस पर ही उसे स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते हैं 

चलिए अब जानते हैं कि टी बिल्स पर टैक्स का क्या रोल होता है 

अब जैसे कि ये टी बिल्स 1 साल से कम के लिए होते हैं तो इन पे मिलने वाले इंटरेस्ट पर हमें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेस टैक्स देना होता है अब कितना शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स आपको देना होगा यह आपके टैक्स लैब पर भी डिपेंड करता है 

अब जानते हैं कि टी बिल मार्केट में कौन-कौन पार्टिसिपेंट्स होते हैं

 तो इसमें बैंक्स प्राइमरी डीलर्स म्यूचुअल फंड्स इंश्योरेंस कंपनीज कॉरपोरेट्स और इंडिविजुअल्स टीबल की मार्केट में देखने को हमें मिल सकते हैं हां पर ये ध्यान दीजिएगा कि वही इंडिविजुअल्स जिनके पास डी मैट अकाउंट है वही ये टेबल्स की खरीदारी कर सकते हैं 

चलिए अब जानते हैं टी बल्स के बारे में कुछ खास बातें
  •  सबसे पहले तो यह कि टीबल सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट यानी केंद्रीय सरकार ही इशू करती है इनमें रिटर्न्स एश्योर्ड होते हैं और रिस्क ना बराबर होता है मतलब यह बिल सेफ और सिक्योर होते हैं एकदम एफडी की तरह इनकी लिक्विडिटी काफी अच्छी होती है क्योंकि हम जब इन्हें चाहे बेच सकते हैं और बदले में पैसे ले सकते हैं 
  • सबसे जरूरी बात यह कि अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए ही इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो टी बल्स एक अच्छा सौदा हो सकता है क्योंकि यह कम टाइम में एश्योर्ड और अच्छे रिटर्न्स देते हैं 
  • आरबीआई के नियमों के अनुसार आप टी बिल्स में कम से कम 25000 से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और अगर इससे ज्यादा करना चाहते हैं तो वह भी आप ₹2500000 हो 

तो आप हमें व कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं वी विल ट्राई टू आंसर देम ल थैंक्स फॉर वाचिंग

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